'द कश्मीर फाइल्स' विवाद: मैं फिल्ममेकर नदव लैपिड को गोली मार देता- अशोक पंडित
गोवा में 53वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (IFFI) के दौरान इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड ने एक ऐसा बयान दिया, जिसको लेकर देशभर में घमासान मचा हुआ है। समापन समारोह के दौरान जूरी हेड की हैसियत से अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा था कि 'द कश्मीर फाइल्स' एक "प्रोपेगेंडा" फिल्म है। अब इस बयान पर पटलवार करते हुए फिल्ममेकर अशोक पंडित ने कहा कि अगर वह उस कार्यक्रम में होते, तो नदव को गोली मार देते।
मेरे हाथ में पिस्टल होती, मैंने उसे गोली मार दी होती- अशोक
न्यूज 24 को दिए इंटरव्यू में अशोक ने नदव को लेकर यह बयान दिया है। जब उनसे पूछा गया कि एक कश्मीरी पंडित होने के नाते क्या उनको नदव के बयान पर दुख होता है, तो उन्होंने कहा, "दुख होता है, अगर मेरे हाथ में पिस्टल होती, मैंने उसे गोली मार दी होती। जब उस आदमी ने यह बयान दिया स्टेज पर, तो बाकी जूरी मेंबर क्या कर रहे थे। बाकी लोगों ने उसे वहां से जाने क्यों दिया।"
अशोक ने नदव को कहा वाइट कॉलर आतंकवादी
अशोक ने नदव को वाइट कॉलर आतंकवादी तक कह दिया। उन्होंने जूरी हेड के रूप में नदव को चुनने पर सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, "इसकी जांच होनी चाहिए कि कौन लोग हैं उस एंटी नेशनल ब्यूरोक्रेसी में जिन्होंने इस आदमी को जूरी हेड के तौर पर चुना। हमारे यहां की जो चीख और चिल्लाहट है पुनर्वास के लिए, उसे नहीं सुना जा रहा है। हमें अपनी जान बचाने और जीने का हक है।"
फिल्म के विरोध में नदव ने कही थी ये बात
फिल्ममेकर नदव ने 'द कश्मीर फाइल्स' की आलोचना करते हुए इसे "प्रोपेगेंडा और वल्गर" फिल्म बताया था। उन्होंने कहा था, "इस फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान इसे देखकर हमारी जूरी परेशान और हैरान थी। यह हमें एक प्रोपेगेंडा फिल्म लगी, जिसे इतने बड़े प्रतिष्ठित समारोह में प्रदर्शित करना उचित नहीं लगा। मैं मंच पर अपनी भावनाओं को साझा करने के लिए सुखद हूं। इस आलोचनात्मक चर्चा को कला और जीवन के लिए स्वीकार करना जरूरी है।"
यहां देखिए नदव लैपिड का बयान
देशभर में हुआ नदव लैपिड का विरोध
बाद में IFFI इंडिया के जूरी बोर्ड ने नदव के बयान से किनारा कर लिया। फिल्म के कलाकार अनुपम खेर से लेकर निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है। भारत में इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी जूरी हेड के बयान की ओलचना की। उन्होंने नदव को खुला पत्र लिखते हुए ट्विटर पर लिखा, 'आपको शर्म आनी चाहिए, आपने सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का दुरुपयोग किया है।'
अशोक पंडित और नदव लैपिड के बारे में जानिए
अशोक एक भारतीय फिल्ममेकर हैं, जिन्होंने एक थिएटर कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 'द एक्सीडेंटल प्राइम मिनिस्टर' और 'शीन' जैसी फिल्में बनाई हैं। वहीं 47 साल के नदव का जन्म इजरायल के शहर तेल अवीव में 1975 में हुआ। उन्होंने तेल अवीव यूनिवर्सिटी से फिलॉसफी (दर्शनशास्त्र) की पढ़ाई की है। उन्होंने 'पुलिसमैन', 'एम्युनिशन हिल' और 'द किंडरगार्डन टीचर' जैसी कई शानदार फिल्में दर्शकों के बीच पेश की है।
फिल्म में दिखाया गया कश्मीरी पंडितों का दर्द
'द कश्मीर फाइल्स' 11 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसकी कहानी सच्ची घटना को केंद्र में रखकर बुनी गई है, जिसमें कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार को फिल्माया गया है। उनके विस्थापन की मार्मिक कहानी ने दर्शकों का ध्यान खींचा था।