कोरोना वायरस: महाराष्ट्र में बढ़ते संक्रमण के चलते जेलों में बंद 17,000 कैदियों को मिलेगी पैरोल
देश में कोरोना के प्रसार की रफ्तार पर ब्रेक नहीं लग रहे हैं। महाराष्ट्र में तो मानो यह वायरस बिना ब्रेक की गाड़ी पर सवार है और जो भी सामने आ रहा है उसे चपेट में लेता जा रहा है। यही कारण है कि महाराष्ट्र सरकार ने जेलों में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राज्य में जेलों में बंद कैदियों में 17,000 को पैरोल देकर छोड़ने का निर्णय किया है।
पहले भी छोड़े जा चुके हैं 5,000 विचाराधीन बंदी
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से जेलों में बंद 5,000 विचाराधी बंदियों को पहले ही पैरोल दी जा चुकी है। इनमें तीन हजार सात साल से कम सजा तथा दो हजार उससे अधिक की सजा के मामलों में ट्रायल पर थे।
आदेश के तहत जेलों में बंद इन कैदियों को दी जाएगी पैरोल
गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बताया कि सरकार ने राज्य की जेलों में बंद कुल 35,239 कैदियों में से 17,000 को टेंपरेरी पैरोल देने का निर्णय किया है। इसके तहत जेलों में बंद 5,000अंडरट्रायल कैदी और सात साल की सजा भुगत रहे करीब 3,000 कैदियों को पैरोल दी जाएगी। इसी प्रकार सरकार ने एक कड़ा निर्णय करते हुए सात साल से अधिक की सजा भुगत रहे करीब 9,000 कैदियों को भी पैरोल देने का निर्णय किया है।
उच्चस्तरीय समिति ने लिया फैसला- देशमुख
गृहमंत्री देशमुख ने बताया कि इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार की ओर से नियुक्त उच्चस्तरीय समिति ने जेलों की स्थिति और कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए 17,000 कैदियों और विचाराधीन बंदियों को छोड़ने का निर्णय किया है। उन्होंने बताया कि इस समिति में शामिल जस्टिस एए सैयद, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) संजय चहांदे और पुलिस महानिदेशक (जेल) एसएन पांडे थे। उन्होंने कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए इसे जरूरी कदम बताया है।
ऑर्थर रोड जेल में 185 कैदी कोरोना से संक्रमित
हाल ही में मुंबई ऑर्थर रोड जेल के 185 कैदियों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। बताया जा रहा है कि ये सभी कोरोना वायरस संक्रमित जेल के एक रसोइये के संपर्क में आने से इस महामारी की चपेट में आए थे।
गंभीर अपराधियों को नहीं दी जाएगी पैरोल
गृहमंत्री देशमुख ने बताया कि सरकार के निर्णयानुसार जेलों में गंभीर अपराधों के मामलों में सजा भुगत रहे कुख्यात अपराधियों को पैरोल नहीं दी जाएगी। इनमें हत्या, दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या का प्रयास, मकोका, महाराष्ट्र प्रोटेक्शन ऑफ इंटरेस्ट ऑफ डिपॉजिटर्स (MPID) अधिनियम, गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) और धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत सजा भुगत रहे कैदी शामिल होंगे। प्रदेश की सभी जेलों में सोशल डिस्टैंसिंग की पालना कराने के आदेश दिए गए हैं।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश भी दे चुके हैं कैदियों को पैरोल
महाराष्ट्र से पहले हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकार द्वारा भी सात साल से कम सजा वाले अपराधों के तहत ट्रायल पर चल रहे बंदियों और कैदियों को पैरोल दी जा चुकी है। हरियाणा सरकार की ओर से तो पहली बार सात साल से कम सजा के प्रावधान वाला अपराध करने वालों को गिरफ्तार ही नहीं करने का आदेश दिया था। इसी तरह उत्तर प्रदेश जेल प्रशासन ने पैराले के लिए 71 जेलों के 11,000 कैदियों की सूची बनाई थी।
भारत और महाराष्ट्र में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सोमवार को देश में 3,604 नए मामले सामने आए जिसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है। इसके अलावा सोमवार को 87 मरीजों की मौत हुई और कोरोना से मौत का आंकड़ा 2,293 पर पहुंच गया। इस बीमारी से अब तक 22,455 मरीज ठीक हो चुके हैं। इसी तरह महाराष्ट्र में संक्रमितों की संख्या 23,401 पहुंच गई हैं और अब तक 468 लोगों की मौत हो गई।