वहीदा रहमान से पहले इन महिलाओं को मिल चुका है दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
क्या है खबर?
वरिष्ठ अभिनेत्री वहीदा रहमान को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ट्वीट कर यह घोषणा की और अपनी खुशी जताई।
दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। पिछले साल आशा पारेख को यह सम्मान दिया गया था।
आइए, नजर डालते हैं उन महिला कलाकारों पर, जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
#1
आशा पारेख
आशा पारेख को पिछले साल दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिए चुना गया था। आशा इस प्रतिष्ठित सम्मान की 52वीं प्राप्तकर्ता थीं।
आशा का फिल्मी सफर करीब 5 दशक का रहा है। उन्होंने महज 10 वर्ष की उम्र में 1952 बिमल रॉय की फिल्म 'मां' से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था। आशा 1959 में 'दिल देके देखो' में पहली बार मुख्य भूमिका में नजर आई थीं।
वह 'दो बदन', 'कटी पतंग', जैसी फिल्मों के लिए मशहूर हैं।
#2
आशा भोसले
स्वर साम्राज्ञी कहलाने वालीं आशा भोसले को 2000 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं।
आशा भोसले ने लगभग 20 भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने गाकर न सिर्फ देश, बल्कि दुनियाभर के दर्शकों के बीच अपनी एक खास जगह बनाई है।
उन्होंने अपने संगीत करियर में लगभग 12,000 से ज्यादा गाने रिकॉर्ड किए हैं। संगीत इतिहास में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।
#3
लता मंगेशकर
स्वर कोकिला लता मंगेशकर को 1989 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार दिया गया था। 2001 में उन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से भी सम्मानित किया गया था।
उनकी गायिकी का दुनिया दीवानी रही। अपने 7 दशक लंबे करियर में लता ने विभिन्न भाषाओं में 30,000 से ज्यादा गानें गाए हैं।
लता के दुनियाभर में प्रशंसक हैं। वह लंदन के प्रतिष्ठित रॉयल अल्बर्ट हॉल में लाइव परफॉर्म करने वाली पहली भारतीय कलाकार थीं।
#4
दुर्गा खोटे
अभिनेत्री दुर्गा खोटे को 1983 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। दुर्गा का हिंदी और मराठी फिल्मों में शानदार करियर रहा है।
उन्होंने मराठी सिनेमा की पहली फिल्म 'अयोध्येचा राजा' में अभिनय किया था। दुर्गा खोटे और देविका रानी को भारतीय सिनेमा में महिला कलाकारों के लिए रास्ते खोलने का श्रेय दिया जाता है।
उन्होंने 2 प्रोडक्शन कंपनियां, 'फैक्ट फिल्म्स' और 'दुर्गा खोटे' प्रोडक्शन्स की भी शुरुआत की थी।
#5
देविका रानी
पहला दादा साहेब पुरस्कार देविका रानी को ही दिया गया था। उन्हें 1969 में इस सम्मान से नवाजा गया था।
देविका को बॉलीवुड की पहली 'लेडी स्टार' माना जाता है। देविका ने उस दौर में पर्दे पर कदम रखा था, जब लड़कियों को घर से बाहर तक निकलने की आजादी नहीं थी।
उन्होंने 1933 की फिल्म 'कर्मा' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था। यह पहली फिल्म थी, जिसमें किसिंग सीन दिखाया गया था।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
1973 में अभिनेत्री सुलोचना को दादा साहेब पुरस्कार से नजावा गया था। सुलोचना हिंदी सिनेमा में अपने बोल्ड अवतार के लिए मशहूर थीं। 1976 में बंगाली अभिनेत्री कनन देवी को यह सम्मान दिया गया था। कनन ने मूक फिल्मों में भी अभिनय किया था।