जयंती विशेष: हिंदी सिनेमा की पहली महिला स्टार देविका रानी, जिन्हें कहते थे 'ड्रैगन लेडी'
क्या है खबर?
बॉलीवुड में आज महिलाओं का बोलबाला है। फिल्मों में एक से बढ़कर एक मजबूत महिला किरदार नजर आते हैं, वहीं उनको निभाने वालीं अभिनेत्रियां भी अपने हक की खुलकर बातें करती हैं।
महिला कलाकारों के लिए इस रास्ते को खोलने वाली अभिनेत्री थीं, देविका रानी। देविका की आज 115वीं जयंती है। उन्होंने उस दौर में पर्दे पर कदम रखा था, जब लड़कियों को घर से निकलने तक की छूट नहीं थी।
जानिए, देविका से जुड़ी खास बातें।
पढ़ाई
लंदन में की थी पढ़ाई
देविका को बॉलीवुड की पहली "लेडी स्टार" माना जाता है। उनका जन्म 30 मार्च, 1908 को हुआ था।
रिपोर्ट्स के अनुसार 9 साल की उम्र में ही वह पढ़ाई के लिए इंग्लैंड चली गई थीं। उन्होंने लंदन में रॉयल एकैडमी ऑफ ड्रैमेटिक आर्ट से पढ़ाई पूरी की थी। यहां उन्होंने अभिनय के साथ टेक्स्टाइल डिजाइन, डेकोर और आर्किटेक्चर का भी कोर्स किया था।
वह जर्मन सिनेमा से बहुत प्रभावित थीं।
डेब्यू
पहली ही फिल्म में दिया 4 मिनट लंबा किसिंग सीन
देविका जब भारत लौटीं तो उन्होंने फिल्मों में करियर बनाना चाहा।
इस दौरान उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता हिमांशु रॉय से हुई। हिमांशु देविका से प्रभावित हुए और उन्होंने उन्हें अपनी फिल्म 'कर्मा' का ऑफर दिया।
इस फिल्म में देविका ने 4 मिनट लंबा किसिंग सीन किया था। इस सीन ने उस दौर में सनसनी मचा दी थी।
फिल्म और देविका की खूब आलोचना हुई और इसे प्रतिबंधित भी कर दिया गया।
शादी
शादी के बाद को-स्टार के प्यार में पड़ गईं देविका
कुछ समय बाद देविका और हिमांशु ने एक-दूसरे से शादी कर ली। दोनों ने मिलकर 'बॉम्बे टॉकीज' नाम का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया। हालांकि, 'जीवन नैय्या' फिल्म की शूटिंग के दौरान देविका और उनके को-स्टार नज्म-उल-हसन के बीच नजदीकियां बढ़ीं।
दोनों एक-दूसरे के साथ भाग भी गए। बाद में काफी समझाने-बुझाने के बाद देविका हिमांशु के पास वापस आईं और कुछ शर्तों के साथ उनके साथ रहने को राजी हो गईं।
अछूत कन्या
नेहरू ने खत लिखकर की प्रशंसा
देविका और सरोजिनी नायडू की दोस्ती भी चर्चित थी।
1936 की फिल्म 'अछूत कन्या' में देविका ने एक दलित लड़की का किरदार निभाया था। सरोजिनी को यह फिल्म काफी पसंद आई। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू को यह फिल्म देखने के लिए कहा।
पहले हिचकिचाने के बाद नेहरू इसे देखने के लिए राजी हो गए। उन्हें यह फिल्म इतनी पसंद आई कि उन्होंने देविका को खत लिखकर उनकी प्रशंसा की।
1958 में देविका को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
पहला दादा साहेब फाल्के पुरस्कार देविका रानी को दिया गया था। उनके रौबदार रवैये के लिए उन्हें 'ड्रैगन लेडी' कहा जाता था। 9 मार्च, 1994 को बीमारी के कारण उनका निधन हो गया था। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई थी।