'द ग्रेट इंडियन फैमिली' रिव्यू: विक्की ने पढ़ाया एकता का पाठ, मानुषी का नहीं चला जादू
'जरा हटके जरा बचके' के बाद अभिनेता विक्की कौशल फिल्म 'द ग्रेट इंडियन फैमिली' के साथ पारिवारिक ड्रामा लेकर पर्दे पर लौटे हैं। ट्रेलर में विक्की को भजन कुमार के अवतार में देखने के बाद से ही प्रशंसक फिल्म की रिलीज को लेकर उत्सुक थे। यशराज फिल्म्स के बैनर तले बनी इस फिल्म के निर्देशक विजय कृष्ण आचार्य हैं। आइए जानते हैं फिल्म की कहानी और यह भी जानते हैं कि विक्की दर्शकों की उम्मीदों पर खरे उतरे या नहीं।
वेद व्यास त्रिपाठी के भजन कुमार बनने की कहानी
यह कहानी है बलरामपुर के वेद व्यास त्रिपाठी (विक्की) उर्फ भजन कुमार की, जिसका परिवार पुश्तैनी पंडित है। वेद भजन गाने के लिए मशहूर हैं और इसलिए उसका नाम भजन कुमार पड़ गया। कहने को तो वह अपने शहर का स्टार है, लेकिन यही उसकी सबसे बड़ी दिक्कत भी है। दिक्कत इसलिए, क्योंकि प्यार करने की उम्र में लड़कियां उससे पंड़ित जी कहकर आर्शीवाद ले रही हैं। हालांकि, वह अपने दोस्तों के साथ आम लड़कों की तरह जिंदगी जीता है।
धर्म की दीवार आई आड़े
भजन कुमार के भजनों का खुमार पूरे शहर पर चढ़ा हुआ है और इसी बीच उसकी जिंदगी में जसप्रीत (मानुषी छिल्लर) की एंट्री होती है। दोनों प्यार में पड़ जाते हैं, लेकिन फिर कहानी नया मोड़ लेती है और भजन कुमार के मुस्लिम होने के बारे में पता चलता है। इससे भजन कुमार की जिंदगी में तूफान आ जाता है। अब वह इस मुसीबत से निकल पाता है या नहीं, ये जानने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख करना होगा।
भजन कुमार बनकर छाए विक्की
विक्की, भजन कुमार के किरदार में खूब फबते हैं और हर भाव को पर्दे पर बखूबी उतारते हैं। देसी लहजे पर उनकी शानदार पकड़ ने साबित कर दिया है कि वह हर किरदार में आसानी से ढल सकते हैं। मानुषी 2 गानों के अलावा कुछ ही देर पर्दे पर नजर आती हैं। विक्की के साथ उनकी जोड़ी अच्छी लगती है, लेकिन उनकी प्रेम कहानी को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई। ऐसे में वह अपना कमाल दिखाने में नाकाम रहती हैं।
इन किरदारों ने अपने अभिनय से डाली जान
कुमुद मिश्रा ने विक्की के पिता का किरदार निभाया है, जिसमें उनका अभिनय काबिल-ए-तारीफ है। वह एक पिता के अपने बच्चे के प्रति प्यार को बेहद खूबसूरती से पर्दे पर दर्शाते हैं। विक्की के बचपन के किरदार में नजर आए वेदांत सिन्हा भी अपने उम्दा प्रदर्शन से दिल जीतने कामयाब रहते हैं। इनके अलावा मनोज पाहवा, यशपाल शर्मा, सादिया सिद्दकी और अल्का आमीन जैसे मंझे हुए कलाकारों ने भी अपने किरदारों के साथ पूरी तरह न्याय किया है।
परिवार के साथ की मिसाल पेश करती है फिल्म
'द ग्रेट इंडियन फैमिली' हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देने के साथ ही एक परिवार के अटूट बंधन की कहानी कहती है। यह एक आदर्श भारतीय परिवार की मिसाल पेश करती है, जो संकट की घड़ी में एक-दूसरे की ढाल बन जाता है। फिल्म की शुरुआत धीमी है, लेकिन जैसे-जैसी कहानी आगे बढ़ती है इसमें आध्यात्मिकता, पारिवारिक प्रेम और सामाजिक संघर्ष का मिश्रण दिखता है। हालांकि, कहानी कमजोर होने की वजह से कई जगह पर इससे ध्यान भटक जाता है।
शानदार विषय होने के बाद भी चूक गए निर्देशक
विजय 'द ग्रेट इंडियन फैमिली' के साथ कुछ नया लेकर आए हैं। इस बार उन्होंने पारिवारिक ड्रामे और हल्की-फुल्की कॉमेडी के साथ एकता का संदेश देने की कोशिश की है। हालांकि, शानदार विषय होने के बाद भी वह कहीं न कहीं चूक गए हैं, क्योंकि फिल्म की कहानी कई जगह पर कमजोर पड़ती नजर आती है। फिल्म में हिंदू-मुस्लिम को लेकर हो रही बहस वाले सीन कुछ लंबे लगते हैं। कहानी में काफी कुछ अच्छा करने की गुंजाइश थी।
यहां खलती है ज्यादा कमी
फिल्म की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसकी कहानी पहले ही समझ में आने लगती है कि आगे क्या होने वाला है। इससे सारा मजा किरकिरा हो जाता है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि फिल्म ज्यादा लंबी नहीं है, इसलिए अंत तक इसे देखने में ज्यादा बोर नहीं होना पड़ता। कुल मिलाकर 'द ग्रेट इंडियन फैमिली' आपको हास्य और व्यंग्य के साथ हिंदू-मुस्लिम की एकता का पाठ पढ़ाती है, जो आखिर तक थोड़ा उबाऊ लगने लगता है।
प्रीतम का संगीत शानदार
फिल्म के संगीत की बात करें तो प्रीतमम ने शानदार काम किया है। फिल्म की शुरुआत में 2 भजन आते हैं, जो बेहद प्यारे हैं। इसके अलावा भी फिल्म में जो 2 और गाने मौजूद हैं, वे भी सुनने में अच्छे लगते हैं।
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- अगर आप विक्की के प्रशंसक हैं और उन्हें एक अलग अवतार में पर्दे पर देखना चाहते हैं तो एक बार के लिए आप इस फिल्म को सिनेमाघर में देख सकते हैं, वहीं सहायक कलाकारों के उम्दा प्रदर्शन के लिए भी यह फिल्म देखी जा सकती है। क्यों न देखें?- फिल्म थोड़ी उबाऊ है, इसलिए आप इसके OTT पर रिलीज होने का इंतजार कर सकते हैं। ऐसे में आपके समय की भी बचत होगी। न्यूजबाइट्स स्टार- 2.5/5