अभिनेत्री आशा पारेख को मिलेगा 2020 का दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
क्या है खबर?
मंगलवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने साल 2020 के लिए दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की घोषणा की।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार 2020 हिंदी सिनेमा की दिग्गज अदाकारा आशा पारेख को दिया जाएगा।
79 वर्षीय अभिनेत्री आशा पारेख 'दिल देके देखो', 'कटी पतंग', तीसरी मंजिल जैसी फिल्मों के लिए पहचानी जाती हैं।
दादा साहेब फाल्के भारतीय सिनेमा जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। पिछले साल यह पुरस्कार रजनीकांत को मिला था।
समिति
इन सितारों ने चुना आशा पारेख का नाम
इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए अनुराग ने बताया कि आशा का नाम दादा साहेब फाल्के पुरस्कार की चयन समिति द्वारा चुना गया है।
इस समिति में आशा भोंंसले, उदित नारायण, हेमा मालिनी और पूनम ढिल्लन जैसे कलाकार शामिल थे।
आशा इस प्रतिष्ठित सम्मान की 52वीं प्राप्तकर्ता है। उन्हें यह पुरस्कार 30 सितंबर को दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में दिया जाएगा।
आशा भारतीय सेंसर बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष भी रही हैं।
ट्विटर पोस्ट
राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में मिलेगा पुरस्कार
Asha Parekh to be honoured with Dadasaheb Phalke Award, 2020
— PIB India (@PIB_India) September 27, 2022
The award will be presented at the National Film Award ceremony to be held on 30th September in New Delhi
President #DroupadiMurmu to preside over awards ceremony
Read here: https://t.co/d1KM0DkT0F pic.twitter.com/058Dn1Mh3p
करियर
पद्मश्री से सम्मानित हैं आशा पारेख, ऐसा है फिल्मी सफर
आशा का फिल्मी सफर करीब पांच दशक का रहा है। उन्होंने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत 1952 की फिल्म 'आसमां' में बतौर बाल कलाकार की थी।
वह 'जब प्यार किसी से होता है', 'दो बदन', 'कटी पतंग', 'कारवां', 'मैं तुलसी तेरे आंगन की' जैसी लोकप्रिय फिल्मों का हिस्सा रही हैं।
अभिनय छोड़ने के बाद आशा ने गुजराती टीवी इंडस्ट्री में बतौर निर्माता-निर्देशक काम करना शुरू किया।
1992 में आशा को पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है यह पुरस्कार
सिनेमा जगत में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का विशेष महत्व है। हर साल यह पुरस्कार भारतीय सिनेमा में उत्तम योगदान के लिए किसी एक कलाकार को दिया जाता है।
बता दें कि दादा साहेब फाल्के भारत में सिनेमा के जनक माने जाते हैं। उन्होंने 1913 में फिल्म 'राजा हरिशचंद्र' बनाई थी।
1969 में पहला पुरस्कार देविका रानी को दिया गया था। अब तक 51 कलाकारों को इस पुरस्कार से नवाजा जा चुका है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
बता दें इससे पहले साल 2019 के लिए यह पुरस्कार रजनीकांत, 2018 के लिए अमिताभ बच्चन, 2017 के लिए विनोद खन्ना, 2016 के लिए के. विश्वनाथ और 2015 के लिए मनोज कुमार को दिया गया था।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार
68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के लिए चुने गए ये कलाकार
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के साथ दिया जाएगा। इस साल जुलाई में राष्ट्रीय पुरस्कारों का ऐलान हुआ था।
68वें राष्ट्रीय पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म के लिए तमिल फिल्म 'सोरारई पोटरू' को चुना गया है। सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म की श्रेणी में अजय देवगन की फिल्म 'तान्हाजी' चुनी गई।
वहीं सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए तमिल स्टार सूर्या और अजय देवगन को संयुक्त रूप से चुना गया था।
संजय दत्त की फिल्म 'तुलसीदास जूनियर' सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म बनी है।