अध्ययन सुमन ने शर्मिन सहगल को दी सच्चाई स्वीकारने की सलाह, बोले- झूठ बोलना जरूरी नहीं
'हीरामंडी 2' का ऐलान हो चुका है, लेकिन 'हीरामंडी' की चर्चा खत्म नहीं हो रही। जिस दिन से सीरीज रिलीज हुई थी उसी दिन से आलोचकों से लेकर दर्शकों तक के निशाने पर शर्मिन सहगल रही हैं। शर्मिन ने सीरीज में आलमजेब का किरदार निभाया है और उनका अभिनय किसी को भी पसंद नहीं आया। सीरीज के बाकी कलाकार उनका बचाव करते हैं। हालांकि, अब अध्ययन सुमन के अभिनय पर विचार रखे और कहा कि उन्हें सच्चाई स्वीकार करनी चाहिए।
अध्ययन ने शर्मिन को दी सलाह
बॉलीवुड हंगामा से सीरीज में जोरावर की भूमिका निभाने वाले अध्ययन ने शर्मिन को एक सलाह दी। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि एक तरह के वातावरण में रहना महत्वपूर्ण नहीं है। किसी भी तरह की वास्तविकता को स्वीकार करना जरूरी है। ना केवल 'हीरामंडी' के लिए, बल्कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि आप कौन हैं। यह समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि क्या आपके पास अगले 15-20 वर्षों तक लड़ने की क्षमता है। खुद से झूठ बोलना महत्वपूर्ण नहीं है।"
शर्मिन को करनी चाहिए लोगों से बात- अध्ययन
अध्ययन ने कहा कि यह इसलिए ऐसा कह रहे हैं क्योंकि वह इस स्थिति से गुजरे हैं। उन्होंने निराशा के दौर में खुद पर काम किया और इंडस्ट्री द्वारा रिजेक्ट किए जाने के बाद एक अभिनेता के रूप में फिर से उभरे। वह बोले, "अगर उनकी भूमिका की आलोचना की जा रही है, तो लोगों से बात करनी चाहिए। दर्शक बहुत विनम्र हैं, अगर उन्हें लगता है कि आपने कड़ी मेहनत की है तो वे आपको एक और मौका देंगे।"
शर्मिन को किया जा रहा है जमकर ट्रोल
शर्मिन को 'हीरामंडी' में उनके प्रदर्शन के लिए ट्रोल किया जा रहा है। अभिनेत्री के प्रदर्शन को सोशल मीडिया यूजर्स ने भावनाहीन बताया और उनकी आलोचना भी की। दर्शक शर्मिन पर सवाल उठाने के साथ ही संजय लीला भंसाली पर भी सवाल उठा रहे हैं कि उन्होंने अपनी भांजी की किसी भी तरह की कोई मदद क्यों नहीं की। बता दें, शर्मिन भंसाली की बहन बेला सहगल की बेटी है। उन्होंने फिल्म 'मलाल' से बॉलीवुड में डेब्यू किया था।
शर्मिन ने दी आलोचनाओं पर प्रतिक्रिया
एक इंटरव्यू में शर्मिन ने अब आखिरकार उनके अभिनय लेकर हो रही ट्रोलिंग पर चुप्पी तोड़ी। अभिनेत्री ने कहा कि आखिरकार दर्शक ही राजा हैं। वह बोलीं, "एक रचनात्मक व्यक्ति और कलाकार के रूप में ट्रोलिंग को स्वीकार करना बहुत महत्वपूर्ण है। दर्शकों को अपनी राय रखने का पूरा अधिकार है, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक। यही एक चीज है जो मुझे दृष्टिकोण देती है और मुझे ठीक रहने में मदद करती है।"