#NewsBytesExplainer: OTT पर किस लालच में रिलीज हो रहीं फिल्में, थिएटर रिलीज से कितनी अलग?
कोरोना महामारी में और इसके बाद OTT की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ। कम बजट और बिना स्टार वाली फिल्मों के लिए OTT (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म वरदान साबित हो रहा है। जो फिल्में मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों में लगने के कुछ ही दिनों बाद हटा दी जाती थीं, क्योंकि उनके लिए लागत निकालना मुश्किल होता था, ऐसी फिल्में अब OTT के कारण फायदे का सौदा साबित हो रही हैं। आइए जानें OTT की ओर क्यों बढ़ रहा निर्माताओं-निर्देशकों का झुकाव।
पायरेसी का खतरा कम
सिनेमाघर में फिल्म की रिलीज से पहले उसके लीक होने का डर सताता है। आज लगभग हर फिल्म ऑनलाइन लीक होती है, जिससे निर्माताओं को भारी नुकसान होता है। प्रभास की फिल्म 'कल्कि 2898 AD' भी रिलीज होते ही लीक हो गई थी। उधर फिल्में डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज होती हैं तो पाइरेसी का खतरा काफी कम हो जाता है। कम समय में फिल्म लाखों लोगों तक पहुंच जाती है, ऐसे में पाइरेसी का कोई मतलब नहीं रह जाता।
OTT पर फिल्म रिलीज करना आसान
OTT पर फिल्म रिलीज करना आसान होता है। फिल्म निर्माताओं को प्लेटफॉर्म के साथ केवल एक कॉन्ट्रेक्ट करना होता है। एक बार में ही डील फाइनल हो जाती है और देशभर में फिल्म रिलीज हो जाती है। इसके उलट सिनेमाघरों में फिल्म रिलीज करने के लिए वितरकों आदि से बातें करनी पड़ती है और स्लॉट, टाइम का भी काफी ध्यान रखना पड़ता है, वहीं मल्टीप्लेक्स ना होने पर भी कई तरह के कॉन्ट्रेक्ट साइन करने पड़ते हैं।
कम बजट और बिना स्टार वाली फिल्मों के लिए वरदान है OTT
जिन फिल्मों का बजट कम होता है और जिनमें कोई नामचीन कलाकार नहीं होता, खासकर उनके लिए OTT फायदेमंद साबित हो रहा है। OTT पर न सिर्फ नवोदित कलाकार, बल्कि उनकी फिल्मों को भी जगह मिल रही है। OTT प्लेटफॉर्म पर फिल्म रिलीज करने का एक फायदा ये भी है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म कभी अपनी फिल्मों की व्यूअरशिप का डेटा सार्वजनिक नहीं करते। लिहाजा ये कहना मुश्किल होता है कि कोई फिल्म हिट है या फ्लॉप।
नहीं लगता फ्लॉप का ठप्पा
नेटफ्लिक्स पर अर्जुन कपूर और रकुल प्रीत सिंह की 'सरदार का ग्रैंडसन' रिलीज हुई थी। इस फिल्म की समीक्षाओं से साफ जाहिर था कि अगर यह सिनेमाघरों में आती तो बुरी तरह से फ्लॉप हो जाती, लेकिन OTT पर इस फिल्म को कोई फ्लॉप नहीं बता पाया। यही बात अमिताभ बच्चन की 'गुलाबो सिताबो', सारा अली खान की 'ऐ वतन मेरे वतन' और मनोज बाजपेयी की 'साइलेंस 2' पर लागू होती है। 'शर्मा जी की बेटी' इसका तरो-ताजा उदाहरण है।
सिनेमाघरों में चोट खाई इन फिल्मों को मिला OTT का सहारा
पिछले कुछ सालों में OTT ने मनोरंजन जगत में तेजी से पांव पसारे हैं। कई बार तो ऐसा होता है कि फ्लॉप और औसत फिल्में भी OTT पर मुनाफा कमाती हैं। आमिर खान और किरण राव की फिल्म 'लापता लेडीज' सिनेमाघरों से भले ही लापता रही हो, लेकिन OTT पर आते ही इसने कई रिकॉर्ड तोड़ डाले। इसी तरह शाहरुख खान की 'डंकी', 'लाल सिंह चड्ढा' और 'जर्सी' जैसी फिल्मों पर भी OTT पर दर्शकों ने खूब प्यार लुटाया।
OTT का इसलिए भी बढ़ रहा चलन
OTT रिलीज से निर्माता सुरक्षित है। वह फिल्म बनाता है और मुनाफे के साथ OTT प्लेटफॉर्म को बेच देता है। सिनेमाघर में फिल्म रिलीज कर यह जोखिम बना रहता है कि अगर लोग फिल्म देखने नहीं आए तो क्या होगा। यह जोखिम OTT में नहीं है। कई फिल्में लोग OTT की वजह से ही देख पाते हैं। इसी के जरिए वो दर्शकों तक पहुंच पाती हैं। OTT सिर्फ निर्माता, दर्शक नहीं, कई कलाकारों के लिए भी वरदान साबित हुआ है।
OTT से इन सितारों के करियर में लगे पंख
OTT पर नए-नए सितारों को हाथों-हाथ लिया जा रहा है। यहां काम करने के ढेरों मौके हैं। इस कड़ी में कुछ सितारे तो ऐसे हैं, जो जब तक सिर्फ फिल्मों का हिस्सा रहे, पहचान को तरसते रहे, लेकिन OTT की दुनिया में आते ही उनके करियर की गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली है। मनोज बाजपेयी से लेकर, बॉबी देओल, सुष्मिता सेन, करिश्मा कपूर और अभिषेक बच्चन जैसे कई सितारों के करियर में OTT की वजह से बड़ा उछाल आया।
जुलाई में सबसे पहले दस्तक देगी 'ककुड़ा'
सोनाक्षी सिन्हा, रितेश देशमुख और साकिब सलीम की फिल्म 'ककुड़ा' भी OTT पर ही आएगी। यह 12 जुलाई को ZEE5 पर रिलीज हाेने वाली है। आदित्य सरपोतदार इस फिल्म के निर्देशक हैं, जिनकी हॉरर कॉमेडी फिल्म 'मुंज्या' बॉक्स ऑफिस पर अपना कमाल दिखा रही है।