'अमर सिंह चमकीला' रिव्यू: दिलजीत दोसांझ की दमदार अदाकारी से दमक उठी फिल्म
क्या है खबर?
पिछले काफी समय से फिल्म 'अमर सिंह चमकीला' सुर्खियों में है। इसके निर्देशन की कमान इम्तियाज अली ने संभाली है।
दिलजीत दोसांझ हीरो और परिणीति चोपड़ा फिल्म की हीरोइन हैं। फिल्म ट्रेलर आने के बाद से ही लगातार चर्चा में थी और आज यानी 12 अप्रैल को 'अमर सिंह चमकीला' नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो गई है।
इम्तियाज ने अपनी इस फिल्म की कहानी और कलाकारों ने अपने किरदार के साथ कितना न्याय किया है, जानने के लिए पढ़िए हमारा रिव्यू।
कहानी
चमकीला का सफर पर्दे पर दिखाती फिल्म
फिल्म दिखाती है कि सुपरस्टार क्या होता है, सुपरस्टार बनते कैसे हैं, स्टारडम क्या होता है और इसकी कीमत कैसे चुकानी पड़ती है।
कहानी है अमर सिंह चमकीला की, जो पंजाब के सबसे मशहूर और विवादित गायकों में शुमार थे। उनकी जिंदगी के सारे अहम पड़ावों को फिल्म में दिखाया गया है।
20 की उम्र में विदेशों तक में चमक रहे चमकीला की 27 की उम्र में हत्या कर दी गई, उनका यह सफरनामा दिलजीत ने पर्दे पर जिया है।
अभिनय
'चमकीला' बन खूब चमके दिलजीत
चमकीला के किरदार में दिलजीत अभिनय का सारा रस निचोड़ लेते हैं। मासूमियत से दर्द और संघर्ष तक वह हर भाव इतनी शिद्दत से चेहरे पर उतारते हैं कि आप भावनाओं के समंदर में गोते लगाते चले जाते हैं।
उनकी बेमिसाल अदाकारी से फिल्म दमकती है। उनका एक-एक सीन इतना जोरदार है कि लगता है जैसे चमकीला सामने हों।
उधर चमकीला की पत्नी अमरजोत (परिणीति), अंजुम बत्रा और राहुल मित्रा जैसे कलाकार भी अभिनय की कसौटी पर खरे उतरे हैं।
शुरुआत
इम्तियाज ने OTT पर बना दी 'रॉकस्टार'
'रॉकस्टार' और 'जब वी मेट' जैसी बेहतरीन फिल्मों के निर्देशक इम्तियाज ने चमकीला की जिंदगी को बड़ी बारीकी से छुआ और उनके परिवेश पर काफी गहराई से काम किया।
OTT पर आते ही इम्तियाज ने चौका मार दिया है। वह यकीनन तारीफ के हकदार हैं, क्योंकि उन्होंने कहीं भी चमकीला का महिमांडन नहीं किया। हीरो से लेकर विषय तक का उनका चुनाव सटीक है।
कहानी ऐसी है, जिसमें कोई तड़क भड़क या ताम-झाम नहीं। यह सीधे दिल में उतरती है।
जानकारी
गीत-संगीत भी उम्दा
फिल्म को अपने संगीत का पूरा साथ मिला है। कुछ गाने तो ऐसे हैं, जिनमें आप खाे जाएंगे। एआर रहमान के संगीत ने फिल्म में चार चांद लगा दिए हैं। उधर इरशाद कामिल के बोल इतने खूबसूरत हैं, जो ध्यान नहीं हटने देते।
कमियां
कुछ कमजोर कड़ियां
लगभग ढाई घंटे की इस फिल्म में कुछेक कमियां भी हैं। जैसे इसके कुछ दृश्य खींचे हुए लगते हैं, जिन्हें देख फिल्म में संपादन की कमी खलती है। फिल्म की लंबाई कम की जा सकती थी।
उधर फिल्म के गाने कुछ लोगों के लिए इसे देखने का मजा किरकिरा कर सकते हैं, क्योंकि इसमें चमकीला के ठेठ पंजाबी गानों का इस्तेमाल किया गया है यानी जिसे पंजाबी नहीं आती, वो इस फिल्म का पूरा रस लेने से वंचित रह जाएगा।
निष्कर्ष
देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- इस फिल्म को देखने की बड़ी वजह दिलजीत हैं, जिनका अभिनय सिनेमा 'पार' उतर आया है। आप उन्हें देखने के लिए पूरी फिल्म देख सकते हैं। इम्तियाज के प्रशंसकों के लिए भी यह एक नजराना है, वहीं वास्तविकता के करीब एक दिल छू लेने वाली कहानी देखने का मन है तो 'अमर सिंह चमकीला' आपके लिए है।
क्यों न देखें?- अगर फिल्म से ड्रामा या सस्पेंस की उम्मीद कर रहे हैं तो ठगे रह जाएंगे।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5