Page Loader
जन्मदिन विशेष: मनोज कुमार ऐसे बने 'भारत कुमार', देशभक्ति से लबरेज फिल्मों से बनाई अलग पहचान 
मनोज कुमार ने इन फिल्मों से बनाई अपनी पहचान

जन्मदिन विशेष: मनोज कुमार ऐसे बने 'भारत कुमार', देशभक्ति से लबरेज फिल्मों से बनाई अलग पहचान 

लेखन मेघा
Jul 24, 2023
07:00 am

क्या है खबर?

मनोज कुमार बॉलीवुड के वो सितारे हैं, जो अपनी बेहतरीन अदाकारी और देशभक्ति से लबरेज फिल्मों के लिए जाने जाते हैं। 24 जुलाई, 1937 को पाकिस्तान के बंटवारे में आए ऐबटाबाद में जन्मे मनोज का असली नाम हरिकिशन गिरी गोस्वामी है। अभिनेता ने अभिनय ही नहीं, बल्कि निर्देशन के क्षेत्र में भी अपना हाथ आजमाया और सफल भी रहे। आइए आज अभिनेता के 86वें जन्मदिन के मौके पर उनके सफर और कुछ बेहतरीन फिल्मों पर नजर डालते हैं।

विस्तार

यह थी नाम बदलने की वजह

अशोक कुमार और दिलीप कुमार मनोज के पसंदीदा अभिनेता थे। जब वह 10 साल के थे तो दिलीप की फिल्म 'शबनम' रिलीज हुई, जिसमें उनके किरदार का नाम मनोज कुमार था। उन्हें यह नाम इतना पसंद आया कि उन्होंने हरिकिशन को मनोज से बदल दिया और इसी नाम से पहचाने जाने लगे। इसके बाद जब वह फिल्मी दुनिया में आए तो उनकी ज्यादातर फिल्मों में उनका नाम भारत था। ऐसे में लोग उन्हें भारत कुमार कहकर बुलाने लगे।

पुरस्कार

'उपकार' के लिए मिला था राष्ट्रीय पुरस्कार

मनोज के चाहने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री भी थे। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद उन्होंने अभिनेता से 'जय जवान जय किसान' नारे पर फिल्म बनाने के लिए कहा था। इसके बाद 1967 में मनोज ने इसी को ध्यान में रखते हुए फिल्म 'उपकार' बनाई, जिसमें वह एक सैनिक और किसान की भूमिका में नजर आए। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई सम्मान प्राप्त हुए थे।

फिल्म

उस दौर की सबसे महंगी फिल्मों में शुमार है 'क्रांति'

1981 में रिलीज हुई 'क्रांति' का निर्देशन भी मनोज ने ही किया था। यह 1980 के दशक की सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म थी और यह उस समय की सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक थी। इस फिल्म में दिलीप, शशि कपूर, शत्रुघ्न सिन्हा, हेमा मालिनी और परवीन बॉबी जैसे कलाकार शामिल थे। देश के विभाजन के दौरान की कहानी दिखाती इस फिल्म को बनाने में ही 2 साल लग गए थे। यह फिल्म ZEE5 पर उपलब्ध है।

देशभक्ति

'पूरब और पश्चिम' में दिखी देशभक्ति

मनोज की 'पूरब और पश्चिम' भी देशभक्ति की भावना को दिखाती है। उन्होंने इस फिल्म में अभिनय के साथ निर्देशन की कमान भी संभाली थी। फिल्म की कहानी एक स्वतंत्रता सेनानी के बेटे की है, जो पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाता है। इसके बाद वहां जाकर वह लोगों की भारत के प्रति मानसिकता बदलने का प्रयास करता है। इसमें मनोज के साथ प्राण, अशोक, सायरा बानो और प्रेम चोपड़ा नजर आए थे। यह फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर मौजूद है।

करियर

'रोटी कपड़ा और मकान' से बचाया अमिताभ का करियर

1974 में आई 'रोटी कपड़ा और मकान' में मनोज न सिर्फ अभिनय करते हुए नजर आए थे, बल्कि उन्होंने इसे लिखा और निर्देशित भी किया था। कहा जाता है कि जब अमिताभ बच्चन इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने में असफल रहने पर मुंबई छोड़कर जा रहे थे तो मनोज ने ही उन्हें इस फिल्म में काम दिया था। फिल्म ने अमिताभ के करियर को फिर से उड़ान दी थी। यह फिल्म अमेजन प्राइम वीडियो पर देखी जा सकती है।

जानकारी

ये भी हैं कुछ मशहूर फिल्में

मनोज ने 1960 में 'कांच की गुड़िया' से बतौर मुख्य अभिनेता शुरुआत की थी, लेकिन पहचान उन्हें 1962 में आई 'हरियाली और रास्ता' से मिली। उनकी बेहतरीन फिल्मों में 'शहीद', 'पत्थर के सनम', 'अपना बनाके देखो', 'नकल नवाब', 'गुमनाम', 'शोर', 'गुमनाम' और 'अनीता' शामिल हैं।