'घूमर' रिव्यू: शून्य से शुरू करने की प्रेरक कहानी है अभिषेक-सैयामी की यह फिल्म
क्या है खबर?
अभिषेक बच्चन बीते कुछ दिनों से अपनी फिल्म 'घूमर' का प्रमोशन कर रहे थे। फिल्म में उनके साथ सैयामी खेर मुख्य भूमिका में हैं।
आर बाल्की द्वारा निर्देशित इस फिल्म की कई दिन से चर्चा हो रही थी। यह प्रेरक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म इंडियन फिल्म फेस्टिवल ऑफ मेलबर्न में प्रदर्शित की गई थी।
निराशा और उम्मीदों पर बुनी गई इस फिल्म की पृष्ठभूमि क्रिकेट पर आधारित है। जानिए, कैसी है अभिषेक-सैयामी की यह फिल्म।
कहानी
निराशा से आशा की ओर घूमने की कहानी है 'घूमर'
फिल्म सैयामी के किरदार अनीना पर केंद्रित है। अनीना एक बेहतरीन क्रिकेटर है। इंग्लैंड में होने वाली क्रिकेट सीरीज के लिए राष्ट्रीय टीम उसका चयन होता है। इससे वह और उसका परिवार बेहद उत्साहित है।
इंग्लैंड रवाना होने के ठीक पहले वह एक दुर्घटना का शिकार हो जाती है और अपना दांया हाथ गंवा देती है। इससे भारत के लिए बल्ला उठाने का उसका सपना टूट जाता है।
इसके बाद पैडी (अभिषेक) उसे एक नई दिशा दिखाता है।
कहानी
ऐसा है अभिषेक का किरदार
अभिषेक का किरदार, पद्म सिंह सोढी (पैडी) एक पूर्व क्रिकेटर है। उसे सिर्फ एक बार राष्ट्रीय टीम में गेंदबाजी का मौका मिला था। अब वह अनीना के जरिए अपना सपना पूरा करना चाहता है।
वह अनीना को एहसास दिलाता है कि वह एक हाथ से बल्लेबाजी नहीं कर सकती, लेकिन गेंदबाजी कर सकती है।
इसके बाद अनीना नए सिरे से अपना खेल शुरू करती है।
भावनाओं के उतार-चढ़ाव से गुजरते हुए यह फिल्म अनीना के जुनून को दिखाती है।
निर्देशन
शून्य से शुरू करने की बेहतरीन कहानी
बाल्की ने सब कुछ गंवा देने के बाद शून्य से शुरू करने की एक बेहतरीन कहानी लिखी है। उतने ही प्रेरक तरीके से इसे पर्दे पर उतारा है।
फिल्म भले ही एक स्पोर्ट्स ड्रामा फिल्म लगती हैं, लेकिन असल में बाल्की ने एक ऐसी कहानी प्रस्तुत की है, जो हर किसी से जुड़ेगी।
फिल्म के नाम 'घूमर' को क्रिकेट से जोड़कर उन्होंने अनोखा मतलब दिया है, जो दिलचस्प भी है और मजेदार भी।
अभिनय
अभिषेक और सैयामी का दिखा जानदार अभिनय
अनीना एक उभरती हुई बल्लेबाज है, जिसका हाथ के साथ वजूद भी खो जाता है। सैयामी इस किरदार के हर इमोशन को पर्दे पर लेकर आई हैं। फिल्म के लगभग हर दृश्य में सैयामी हैं और उन्होंने कहीं भी अनीना का दर्शकों से संपर्क टूटने नहीं दिया है।
अभिषेक ने एक शराबी और सख्त कोच की भूमिका में खुद को पूरी तरह ढाल लिया। अपने अभिनय से वह अपने किरदार के लिए गुस्सा और हमदर्दी दोनों जीतने में कामयाब रहे।
अन्य कलाकार
रोमांचक है अमिताभ बच्चन का कैमियो
फिल्म में एक रोमांचक मोड़ पर अमिताभ बच्चन की एंट्री होती है। उनकी उपस्थिति इस रोमांच को और बढ़ा देती है। क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में उन्होंने फिल्म में कैमियो किया है। बाल्की ने उनकी छोटी-सी उपस्थिति का भरपूर इस्तेमाल किया है।
शबाना आजमी ने अनीना की दादी का किरदार निभाया है, जो अनीना को भावनात्मक रूप से एक खिलाड़ी बनाने का काम करती हैं।
अंगद बेदी और इवांका दास भी दर्शकों को आकर्षित करते हैं।
संगीत
संगीत ने फिल्म को दी और मजबूती
चूंकि यह उम्मीदों और जुनून की कहानी है, फिल्म का संगीत इसका सबसे जरूरी तत्व बन जाता है।
कलाकारों के गंभीर अभिनय के साथ यह फिल्म अपने संगीत से दर्शकों की नब्ज पकड़ती है।
स्वानंद किरकिरे और कौसर मुनीर ने प्रेरक गीत लिखे हैं, जिसके लिए अमित त्रिवेदी ने संगीत तैयार किया है।
फिल्म का गाना 'घूमर' इसकी केंद्रीय भावना और कहानी के सार को बयान करता है और भावुक हो चुके दर्शकों के चेहरे पर हंसी लेकर आता है।
जानकारी
यह बात कर सकती है परेशान
पहले बल्लेबाजी और फिर गेंदबाजी करती अनीना को कहानी को दिखाने में फिल्म बार-बार क्रिकेट से जुड़ी खास शब्दावली का प्रयोग करती है। यह क्रिकेट में दिलचस्पी न रखने वाले दर्शकों को परेशान कर सकता है। फिल्म का क्लाइमैक्स बेहद भावुक और अवास्तविक लगता है।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें?- अभिषेक और सैयामी का अभिनय इस फिल्म को देखने की सबसे बड़ी वजह है। पर्दे पर प्रेरक कहानी या स्पोर्ट्स ड्रामा देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म को समय दे सकते हैं।
क्यों न देखें?- फिल्म में कई भावुक मोड़ आते हैं, अनीना का बैटर से घूमर बनने का सफर कई बार दिल भारी करता है। अगर गंभीर भावुक फिल्में नहीं पसंद, तो इस फिल्म से किनारा कर सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5