
मिथुन चक्रवर्ती को मुंबई नगर निगम का नोटिस- एक हफ्ते में जवाब दें, वरना होगी कार्रवाई
क्या है खबर?
दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती सुर्खियों में हैं। हालांकि, इस बार वह अपनी किसी फिल्म, शो या बयान को लेकर चर्चा में नहीं है, बल्कि अवैध निर्माण को लेकर लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हैं।
मुंबई नगर निगम (BMC) ने उन्हें 'कारण बताओ नोटिस' जारी किया है।
उन्हें मलाड के एरंगल गांव में एक प्लॉट पर अनिधिकृत निर्माण कार्य के चलते 'कारण बताओ नोटिस' भजेकर उनसे जवाब मांगा गया है।
चेतावनी
कानूनी कार्रवाई की चेतावनी
BMC के कुछ अधिकारी कथित अवैध निर्माण का निरीक्षण करने पहुंचे थे। निरीक्षण करने के बाद वहां उल्लंघन पाया गया, जिसके बाद 10 मई को मिथुन को नोटिस थमाया गया था।
BMC ने 7 दिन के अंदर अभिनेता से स्पष्टीकरण मांगा है। अगर वह पर्याप्त कारण बताने में असफल रहते हैं तो बिना अनुमति के किए गए इस अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया जाएगा और साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
जपाब
1 हफ्ते के अंदर मांगा जवाब
BMC ने मुंबई नगर निगम अधिनियम की धारा 351(1ए) के तहत मिथुन को नोटिस जारी किया है, जिसमें उन्हें 10 मई से एक हफ्ते के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है।
उनसे यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया है कि कथित निर्माण को क्यों न हटाया जाए, उसमें बदलाव क्यों न किया जाए अगर वह समय पर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहते हैं तो नगर निकाय संरचना के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकता है।
प्रतिक्रिया
मिथुन ने दी प्रतिक्रिया
नोटिस पर मिथुन ने कहा, "हमने ऐसा कोई अवैध निर्माण नहीं कराया है। कई लोगों को नोटिस भेजे गए हैं और हम अपना जवाब भेज रहे हैं।"
उधर सामाजिक कार्यकर्ता नदीम शेख ने सवाल उठाया है कि जब हाल ही में 24 अवैध ढांचों को तोड़ा गया, तो उस दौरान मिथुन चक्रवर्ती के ऊपर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई थी।
बता दें कि साल 2011 में भी BMC ने मिथुन के खिलाफ ऐसा ही नोटिस जारी किया था।
योजना
मई के अंत तक 101 अवैध संरचनाएं की जाएंगी ध्वस्त- BMC
BMC का आरोप है कि बिना अनुमति के मुंबई के मलाड के एरंगल गांव में ग्राउंड-प्लस-मेजनाइन फ्लोर वाले दो स्ट्रक्चर, एक ग्राउंड फ्लोर का ढांचा और तीन अस्थायी 10x10 की यूनिट्स बनाई गई हैं।
इन यूनिट्स में ईंट, लकड़ी की पट्टियां, कांच की दीवारें और एसी शीट्स की छतें इस्तेमाल की गई हैं, जो नियमों का उल्लंघन है।
BMC का कहना है कि मई के अंत तक एरंगल और आसपास के इलाकों में कुल 101 अवैध संरचनाएं ध्वस्त की जाएंगी।