'खुफिया' रिव्यू: विशाल भारद्वाज की इस दमदार कहानी में तब्बू और वामिका रहीं अव्वल नंबर
क्या है खबर?
पिछले काफी समय से निर्देशक विशाल भारद्वाज की फिल्म 'खुफिया' सुर्खियों में है। यह इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि इसमें तब्बू मुख्य भूमिका में हैं, जो अपने दमदार अभिनय से दर्शकों का दिल जीतती आ रही हैं।
वामिका गब्बी, अली फजल और आशीष विद्यार्थी भी इस फिल्म से जुड़े हैं। ट्रेलर के बाद इसकी रिलीज को लेकर उत्सुकता और बढ़ गई थी।
5 अक्टूबर को फिल्म नेटफ्लिक्स पर आ गई है।
आइए जानें कैसी है ये स्पाई थ्रिलर फिल्म।
कहानी
एक जासूस के इर्द-गिर्द बुनी गई है कहानी
कृष्णा मेहरा (तब्बू) एक मिशन पर काम रही है। इसी बीच उसका एक करीबी एजेंट गायब हो जाता है। कृष्णा समेत सभी जानते हैं कि उनके बीच ही कोई मुखबिर है, जो सारी खुफिया जानकारियां दूसरे देश को भेजता है।
फिल्म की पूरी कहानी इसी भेदिया रवि मोहन (अली) की तलाश के इर्द-गिर्द घूमती है। वामिका गब्बी फिल्म में अली की पत्नी बनी हैं।
अब क्या रवि सचमुच गद्दार है, ये बता दिया तो फिल्म का मजा किरकिरा हो जाएगा।
अदाकारी
तब्बू और वामिका पर सजा बेहतरीन अदाकारी का तमगा
तब्बू और वामिका की अदाकारी अंत तक बांधे रखती है। उनके हिस्से जैसे भी संवाद आए, उनको उन्होंने अपने अभिनय से साधा और बड़ी सटीकता से हर भाव पर्दे पर उतारा। उनका करिश्माई अभिनय फिल्म को और प्रभावी बनाता है।
वेब सीरीज 'चार्ली चोपड़ा...' के बाद 'खुफिया' वामिका की अभिनय क्षमता का एक और बेहतरीन नमूना है।
अली और आशीष का काम भले ही नंबर 2 पर हो, लेकिन वे भी अपने हाव-भाव से काफी कुछ व्यक्त कर जाते हैं।
जानकारी
ये कलाकार भी अपना असर छोड़ने में रहे कामयाब
'खुफिया' की मजबूत कड़ी इसके सभी मंझे हुए कलाकार हैं। सहायक कलाकारों में बांग्लादेशी अभिनेत्री अजमेरी हक और नवनींद्र बहल ने भी खूब रंग जमाया है। उनका अभिनय याद रह जाता है। कुल मिलाकर हर कलाकार अपने किरदार में रमा नजर आता है।
निर्देशन
निर्देशन में पूरे नंबर से पास हुए विशाल
विशाल के निर्देशक की जितनी तारीफ की जाए, उतनी कम है। उन्होंने फिल्म के प्रवाह को कहीं भी लड़खड़ाने नहीं दिया। निर्देशक ने हरेक किरदार के मनोभावों को पकड़ा और उन्हें मजबूती से गढ़ा।
जासूसी कहानियों का असली इम्तिहान यही होता है कि ये दर्शकों को अंत तक उलझाए रखें और इस कसौटी पर विशाल काफी हद तक खरे उतरे हैं।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि एक बार फिर विशाल का जादुई स्पर्श हिंदी सिनेमा में लौट आया है।
जानकारी
गीत-संगीत भी कमाल
बहुमुखी प्रतिभा के धनी विशाल निर्देशक-निर्माता भी हैं, लेखक भी हैं, गीतकार भी हैं, संगीतकार भी हैं। इस बार भी उनकी फिल्म के संगीत का जिम्मा उन्हीं पर है, जिसके लिए उनकी अलग से तारीफ होनी चाहिए। संगीत ने इसे और दर्शनीय बना दिया है।
जानकारी
उपन्यास पर आधारित फिल्में बनाने में माहिर विशाल
फिल्म 'खुफिया' अमर भूषण के उपन्यास 'एस्केप टू नो वेयर' पर आधारित है और उपन्यासों की कहानियों को पर्दे पर परोसने का हुनर विशाल में खूब है। शेक्सपीयर के उपन्यासों पर आईं उनकी 'मकबूल', 'ओंकारा' और 'हैदर' जैसी फिल्में उदाहरण के लिए काफी हैं।
कमियां
यहां रह गईं कुछेक कमियां
यूं तो विशाल जिस तरह से पर्दे पर खुफिया किरदारों काे लेकर आते हैं, वो काफी प्रभावी और रोमांचक है, लेकिन फिर भी कहीं न कहीं कहानी में रोमांच की कमी खलती है, खासकर सेकेंड हाफ में।
कहानी बेशक नई और बढ़िया है, लेकिन अगर इसमें कोई बड़ा टि्वस्ट होता तो शायद ये 'सोने पे सुहागा' होता।
पटकथा के स्तर पर भी थोड़ी कसावट की कमी अखरती है, लेकिन ये ऐसी कमियां हैं जो एकदम पकड़ में नहीं आएंगी।
निष्कर्ष
देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- अगर जासूसी पर आधारित फिल्में पसंद हैं तो इस साल आईं जासूसी कहानियों के सैलाब में 'खुफिया' सबसे उम्दा और सबसे शानदार सौगात है। कम से कम विशाल के बेहतरीन सिनेमा और तब्बू-वामिका की नायाब अदाकारी के लिए तो इसे एक मौका जरूर मिलना चाहिए।
क्यों न देखें?- वैसे तो यह नेटफ्लिक्स पर इस साल आई अभी तक की बेहतरीन फिल्म है, लेकिन अगर सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों से परहेज है तो 'खुफिया' छोड़ सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार- 4/5