'कुत्ते' रिव्यू: अर्जुन कपूर ने अभिनय ने कमजोर की फिल्म, पिता से सीखते दिखे आसमान भारद्वाज
क्या है खबर?
अर्जुन कपूर और तब्बू की फिल्म 'कुत्ते' लंबे समय से चर्चा में है। 13 जवनरी को फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।
फिल्म का ट्रेलर देखकर मालूम पड़ता है फिल्म एक जबरदस्त रोचक क्राइम थ्रिलर फिल्म है।
इसका निर्माण विशाल भारद्वाज और लव रंजन ने मिलकर किया है।
फिल्म का निर्देशन विशाल के बेटे आसमान भारद्वाज ने किया है। यह आसमान की पहली फिल्म है।
पढ़िए कैसी है आसमान की यह डेब्यू फिल्म।
कहानी
एक ATM वैन को लूटने में जुड़ती हैं कई कड़ियां
गोपाल (अर्जुन) एक पुलिस अफसर है। वह अपने सहयोगी पाजी (कुमुद मिश्रा) के साथ एक ड्रग डीलर को मारने की सुपारी लेता है।
वे असफल हो जातें हैं और सस्पेंड हो जाते हैं। नौकरी बचाने के लिए दोनों को रिश्वत देनी है। इसके लिए वह एक ATM वैन लूटने की योजना बनाते हैं।
फिल्म के अलग-अलग किरदार अपने-अपने कारणों से वैन को लूटना चाहते हैं। आखिर में कौन सफल होगा या सब पकड़े जाएंगे? इसके लिए फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
तब्बू और कुमुद ने अपने नाम की स्क्रीन
अभिनय की बात करें तो यह फिल्म तब्बू और कुमुद के नाम है।
पुलिस अफसर के अंदाज में तब्बू 'दृश्यम' के दोनों भागों में नजर आई हैं इसलिए इस किरदार में भी वह सहज दिखाई दीं।
कोंकणा सेन शर्मा ने अपने हाव-भाव से फिल्म के ओपनिंग सीन को दमदार बना दिया।
नसीरूद्दीन शाह, राधिका मदान समेत सभी कलाकारों ने अपनी छोटी-छोटी भूमिकाओं में बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
जानकारी
अर्जुन के अभिनय ने फेरा पानी
अर्जुन फिल्म में मुख्य कलाकार हैं, लेकिन उनके कमजोर अभिनय ने बात बिगाड़ दी। यह एक क्राइम थ्रिलर फिल्म है जहां कई जगह रोचक ट्विस्ट आते हैं। ऐसे में कई दमदार दृश्यों को अर्जुन के ठंडे हाव-भाव ने कमजोर कर दिया।
निर्देशन और स्क्रीनप्ले
अच्छे दृश्य, लेकिन उन्हें जोड़ने में कमजोर रह गए आसमान
आसमान ने फिल्म का स्क्रीनप्ले बेहतरीन लिखा है। कुछ दृश्य बैकग्राउंड म्यूजिक और लाइटिंग से शानदार बने हैं। फिल्म में छोटे-छोटे कई तगड़े दृश्य हैं, लेकिन इन दृश्यों को सलीके से एक कड़ी में जोड़ने में आसमान नाकामयाब रहे।
फिल्म में कई कड़ियां हैं जिन्हें अंत में एकसाथ मिल जाना है, लेकिन इन कड़ियों को दिखाने के क्रम में आसमान गड़बड़ी कर बैठे।
कई जगह ऐसा लगता है कि किसी वेब सीरीज के कई एपिसोड जोड़ दिए गए हैं।
जानकारी
दमदार ओपनिंग ने बढ़ाई उम्मीदें
फिल्म की शुरुआत एक दमदार दृश्य से होती है जिसमें कोंकणा का किरदार एक नक्सली की भूमिका में क्रांति और आजादी की दमदार बातें करती है। पहला दृश्य ही दर्शकों को रोमांचित कर देता है, लेकिन इसके तुरंत बाद फिल्म बचकाने गैंगवार पर चली जाती।
कमजोरी
पिता के कदमों पर चलने की थी आसमान की कोशिश
फिल्म में आसमान अपने पिता विशाल के कदमों पर चलते दिखाई दिए हैं।
फिल्म में सेक्स, हिंसा, गालियां, गैंगस्टर जैसे तत्व खूब भरे गए हैं। कई जगह वे बेवजह ठूंसे हुए लगते हैं और फिल्म भी बेवजह लंबी होती जाती है।
कहानी दर्शकों के मन में सवाल पैदा करती चलती है, लेकिन उनके जवाब मिलने तक फिल्म एकदम दूसरी ओर पलट चुकी होती है।
फिल्म हर थोड़ी देर में अपनी ही कहानी से भटकती दिखती है।
जानकारी
गानों से बना रहा विशाल का जादू
फिल्म के गाने दर्शकों में भरपूर रोमांच भरते हैं। इन गानों के गहरे लिरिक्स अपनी छाप छोड़ते चलते हैं। ये गाने गुलजार ने लिखे हैं। इनको खुद विशाल ने कंपोज किया है। ऐसे में फिल्म में विशाल का जादू भी शामिल दिखता है।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें? अगर विशाल की फिल्में पसंद की हैं तो आपको आसमान को भी मौका देना चाहिए। हिंसा, खून-खराबे वाली वेब सीरीज और फिल्में पसंद हैं तो इस फिल्म को देख सकते हैं।
क्यों न देखें? क्राइम थ्रिलर फिल्में पसंद नहीं हैं या सिर्फ अच्छी थ्रिलर फिल्में पसंद हैं तो यह फिल्म निराश करेगी। अर्जुन का अभिनय पसंद नहीं है तो भी इस फिल्म को छोड़ दीजिए। फिल्म का नेटफ्लिक्स पर इंतजार कर सकते हैं।
न्यूजबाइट्स स्टार: 2/5