'बॉब बिस्वास' रिव्यू: अभिषेक का अभिनय तारीफ का हकदार, लेकिन कहानी ने नहीं दिया साथ
सुजॉय घोष की बेटी दीया अन्न्पूर्णा घोष के निर्देशन में बनी क्राइम थ्रिलर फिल्म 'बॉब बिस्वास' दर्शकों के बीच आ गई है। यह फिल्म आज यानी 3 दिसंबर को OTT प्लेटफॉर्म ZEE5 पर रिलीज हुई है। फिल्म के मुख्य कलाकारों में अभिषेक बच्चन, चित्रांगदा सिंह, परन बंदोपाध्याय, टीना देसाई और समारा तिजोरी शामिल हैं। इसकी कहानी सुजॉय घोष ने लिखी है। यह फिल्म शाहरुख खान के प्रोडक्शन हाउस के बैनर तले बनी है। फिल्म देखने से पहले पढ़िए इसका रिव्यू।
बॉब की याददाश्त खोने से शुरू होती है कहानी
फिल्म की कहानी बॉब (अभिषेक बच्चन) के कोमा से बाहर आने के साथ शुरू होती है। हालांकि, उसकी याददाश्त चली जाती है। उसके परिवार में पत्नी मैरी बिस्वास (चित्रांगदा सिंह) और एक बेटा व बेटी है। जहां बेटी अपने पिता का सपना साकार करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही है, वहीं बेटा स्कूल में दादागिरी का शिकार है और पत्नी दफ्तर में अपने बॉस की हरकतों से परेशान है। दूसरी तरफ बॉब अपने अतीत को तलाशने में जुटा है।
फिर बॉब के साथ शुरू होता है खेल
बॉबी की मुलाकात पुराने लोगों से होती है, जो उसे याद दिलाते हैं कि बॉब एक कान्ट्रैक्ट किलर है और अब उसे काम पर लौटना होगा, लेकिन बॉब किसी को मारना नहीं करना चाहता। जैसे-जैसे उसकी याददाश्त वापस आती है, उसे अपनी गलती का अहसास होने लगता है। बॉब अब सुधरना चाहता है, लेकिन दुनिया उसे सुधरने नहीं देती। अब बॉब अच्छा इंसान बन जाएगा या फिर पुरानी दुनिया में लौट जाएगा, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
सुपारी किलर के किरदार में खूब जमे अभिषेक
यह कहना गलत नहीं होगा कि 'बॉब बिस्वास' पूरी तरह से अभिषेक के कंधों पर टिकी है और काफी हद तक उन्होंने अपने दमदार अभिनय से फिल्म को बचाने की कोशिश की है। सुपारी किलर की भूमिका में अभिषेक बेशक आपका दिल जीत लेंगे। उन्होंने पूरी शिद्दत के साथ अपने इस किरदार को पर्दे पर उतारा है। फिल्म में अभिषेक के हाव-भाव भी देखने लायक हैं। उनका प्रोस्थेटिक, मेकअप, कपड़े, चाल ढाल सब बिल्कुल बॉब बिस्वास जैसा ही है।
अन्य कलाकार भी रहेंगे याद
फिल्म में अभिषेक की पत्नी मैरी के किरदार में चित्रांगदा सिंह ने अच्छा काम किया है। इसमें उन्होंने अपने सधे हुए अभिनय का परिचय दिया है। अपने किरदार में चित्रांगदा अच्छी लगी हैं। दूसरी तरफ काली दा के किरदार में परन बंदोपाध्याय ने प्रभावित किया है। उनकी भूमिका से एक सस्पेंस महसूस होता है। बॉब बिस्वास की बेटी के रूप में समारा तिजोरी और पुलिस इंस्पेक्टर इंदिरा वर्मा बनीं टीना देसाई ने भी अपनी भूमिका सही ढंग से निभाई है।
कैसा रहा निर्देशन पक्ष?
फिल्म देखकर लगता है कि इसका कप्तान पहली बार फिल्म निर्देशित कर रहा है। 'बॉब बिस्वास' से सुजॉय घोष की बेटी दीया अन्नपूर्णा घोष ने निर्देशन में आगाज किया है, जिन्होंने अपने पिता से सिनेमा सीखा है। फिल्म के कुछ दृश्यों में बेशक उत्सुकता जगी है, लेकिन कहानी के साथ इंसाफ नहीं हुआ, वहीं अगर निर्देशक ने फिल्म के किरदारों को नया आयाम दिया होता तो बात कुछ और होती। लगता है जैसे उनका निर्देशन फिल्म 'कहानी' पर टिका है।
कहां रह गईं कमियां?
फिल्म की कहानी में रहस्य और रोमांच वाला मसाला नदारद है, जो इसे दर्शकों से जोड़े रखता। इक्के-दुक्के दृश्यों में ही रोमांच की अनुभूति होती है। फिल्म की कहानी यूं तो एक दिलचस्प मोड़ से शुरू होती है, लेकिन कहीं भी इसमें कुछ नया देखने को नहीं मिलता। कहानी लिखने में अगर चूक ना होती तो इसमें इतना झोल ना होता। फिल्म को सीन दर सीन देखने के बाद कोई भी बता देगा कि आगे क्या होने वाला है।
देखें या ना देखें?
अगर आप सुजॉय घोष की फिल्म 'कहानी' से जोड़कर 'बॉब बिस्वास' देखने के मूड में हैं तो यह आपको निराश कर सकती है, लेकिन अगर आप अभिषेक की दमदार परफॉर्मेंस देखना चाहते हैं तो वह आपकी कसौटी पर खरे उतरेंगे। अभिषेक ने एक मजबूत किरदार निभाया, लेकिन उनका अभिनय कमजोर कहानी की भेंट चढ़ गया। सिनेमेटोग्राफी के मामले में फिल्म का कोई जवाब नहीं है। गैरिक सरकार ने हर शॉट शानदार लिया है। हमारी तरफ से फिल्म को दो स्टार।
फिल्म 'कहानी' से जन्मा बॉब बिस्वास का किरदार
फिल्म 'कहानी' के एक अहम किरदार का नाम था बॉब बिस्वास, जो LIC एजेंट के भेष में एक कान्ट्रैक्ट किलर का काम करता था। फिल्म में बॉब की भूमिका अभिनेता स्वास्तिक चटर्जी ने निभाई थी। सुजॉय इसी किरदार के पीछे की कहानी लेकर आए हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (बोनस इंफो)
सुजॉय घोष ने सालों पहले अभिषेक से कॉन्ट्रैक्ट किलर का किरदार निभाने के लिए संपर्क किया था, लेकिन उस वक्त अभिषेक 'बोल बच्चन' की शूटिंग में व्यस्त थे। सुजॉय ने अभिषेक को बाद में बताया कि वह उन्हें बॉब बिस्वास की भूमिका सौंपना चाहते थे।