मर्दानी और डोर जैसी फिल्मों का संपादन कर चुके संजीव दत्ता का निधन
बॉलीवुड के जाने माने संपादक संजीव दत्ता का निधन 54 साल की उम्र में रविवार को हो गया। संजीव ने 'इकबाल', 'डोर' और 'मर्दानी' जैसी फिल्मों का संपादन किया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाईपास सर्जरी के दौरान संजीव का निधन हुआ। संंजीव के निधन की पुष्टि फिल्ममेकर नागेश कुकुनूर ने की है। नागेश ने कहा, "मुझे बताया गया है कि वह कुछ दिन पहले बाईपास सर्जरी के लिए गए थे लेकिन कभी वापस नहीं आए।"
लंबे समय से साथ जुड़े थे नागेश-संजीव
दिवंगत संपादक की तारीफ करते हुए नागेश ने कहा, "वह रेनू सलूजा स्कूल के आखिरी छात्र थे। उन्होंने बहुत लोगों को ट्रेन किया लेकिन संजीव जैसे रेनू की लीगेसी को किसी ने आगे नहीं बढ़ाया। वास्तव में जब रेनू का निधन हुआ उस समय वह बॉलीवुड कॉलिंग का संपादन कर रहीं थीं। संजीव ने इस काम को पूरा किया लेकिन इसका क्रेडिट नहीं लिया।" बता दें की नागेश की कई फिल्मों का संपादन संजीव ने किया।
मैं उन्हें एक परिपक्व शिल्पकार और संपूर्ण सज्जन के रूप में याद करूंगा- अपूर्वा
संजीव के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए निर्देशक अपूर्वा असरानी ने ट्विटर पर भावुक संदेश लिखा। उन्हें एक 'बढ़िया संपादक' बताते हुए अपूर्वा ने लिखा कि वह उन्हें एक परिपक्व शिल्पकार और एक संपूर्ण सज्जन के रूप में याद रखेंगे। बता दें कि अपूर्वा-संजीव ने साथ में नागेश की फिल्में आशायें (2010) और तस्वीर 8x10 (2009) में साथ काम किया है। दोनों ने इन फिल्मों में एडिटिंग का काम किया था।
हम आपको याद करेंगे- सुजॉय घोष
अपूर्वा और नागेश के अलावा अन्य सेलीब्रिटीज जैसे निर्देशक सुजॉय घोष और राइटर-डायरेक्टर ज्योति कपूर ने भी संजीव के निधन पर दुख जताया। घोष ने ट्वीट कर लिखा, 'हमारे बेहतरीन संपादकों में से एक संजीव दत्ता। भालो टाकीस काका (आप जहां भी हो अपना ख्याल रखना)। हम आपको याद करेंगे।' वहीं, ज्योति ने लिखा, 'एक दोस्त, एक सीनियर और बहुत अच्छे संपादक, संजीव दत्ता। काश तुमने अपना अच्छा ख्याल रखा होता, भाई... ओम शांति।'
देखें सुजॉय घोष का ट्वीट
FTII के पूर्व छात्र रहे संजीव दत्ता
जानकारी के लिए बता दें कि संजीव, फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के पूर्व छात्र थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत रेनू सलूजा को असिस्ट करने से की थी। उन्हें पहला ब्रेक 1998 में आई फिल्म 'बड़ा दिन' में मिला था। इसके बाद संजीव ने 80 से ज्यादा फिल्मों का संपादन किया जिसमें बंगाली और हिंदी दोनों भाषाएं शामिल हैं। उन्होंने कुंदन सिंह, श्रीराम राघवन और प्रदीप सरकार जैसे कई जाने माने निर्देशकों के साथ कााम किया।