'ब्लर' रिव्यू: इस धुंधली कहानी में थ्रिलर स्पेशलिस्ट बनकर रह गईं तापसी
क्या है खबर?
तापसी पन्नू की हॉरर थ्रिलर फिल्म 'ब्लर' की राह दर्शक लंबे समय से देख रहे थे। इंतजार इसलिए भी हो रहा था, क्योंकि एक तो यह तापसी के होम प्रोडक्शन की पहली फिल्म है और दूसरा इसकी कहानी को लेकर खूब हो-हल्ला मचा हुआ था।
आज यानी 9 दिसंबर को 'ब्लर' ZEE5 पर स्ट्रीम हो गई है। अजय बहल के निर्देशन में बनी इस फिल्म में गुलशन देवैया और कृतिका देसाई भी हैं।
'ब्लर' देखने से पहले पढ़िए इसका रिव्यू।
कहानी
बहन की मौत का सच खोजने की कहानी
तापसी ने फिल्म में जुड़वां बहनों गौतमी और गायत्री की भूमिका निभाई है। गौतमी की मौत हो जाती है, जिसे पुलिस आत्महत्या, लेकिन गायत्री हत्या मानती है।
वह बहन के कत्ल की गुत्थी सुलझाने में जुट जाती है। इस बीच गायत्री पर जानलेवा हमला होता है, वहीं गौतमी की तरह गायत्री की आंखों की रोशनी भी जाने लगती है।
अब गायत्री अपनी जिंदगी बचाएगी या बहन की मौत का सच सामने लाएगी, यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अभिनय
नहीं दिखा तापसी के अभिनय का अलग आयाम
भले ही फिल्म तापसी के कंधों पर टिकी है, लेकिन वह अपने अभिनय में नयापन नहीं ला पाईं। 'नाम शबाना', 'बदला', 'गेम ओवर', 'दोबारा' के बाद अब 'ब्लर' में भी वही हाव-भाव और अंदाज।
उनकी अदाकारी का नया पक्ष देखने को नहीं मिल रहा। थ्रिलर जॉनर में तापसी सहज हैं। अब उन्हें अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने की जरूरत है।
गुलशन, कृतिका ने अपने-अपने किरदार के साथ ईमानदारी दिखाई, लेकिन दीपक की भूमिका में अभिलाष थपलियाल तारीफ ले उड़े।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
'ब्लर' की स्टारकास्ट में अभिलाष का नाम नहीं है, लेकिन फिल्म में सबसे बढ़िया अभिनय और किरदार उन्हीं का है, ऐसा कि वह इसमें याद रह जाते हैं। अभिलाष एक रेडियो जॉकी, एक्टर और टीवी होस्ट हैं। तापसी अभिनीत 'दिल जंगली' उनकी पहली फिल्म थी।
निर्देशन
सुस्त निर्देशन ने किया निराश
निर्देशन की जिम्मेदारी अजय बहल पर थी, जो 'BA पास' और 'सेक्शन 375' जैसी फिल्मों से तारीफें बटोर चुके हैं, लेकिन 'ब्लर' के निर्देशन में बहल मात खा गए।
निर्देशन में उस कसावट की कमी खली, जिसकी जरूरत थ्रिलर फिल्मों में होती है।
दूसरी तरफ गुलशन एक बेहतर अभिनेता हैं, लेकिन बहल फिल्म में उनकी प्रतिभा भुनाने से चूक गए। उनका किरदार ठीक से गढ़ा नहीं गया, वहीं रोमांच के टूटते धागों ने भी फिल्म का मजा किरकिरा कर दिया।
कमियां
ये भी हैं फिल्म की कमजोर कड़ियां
फिल्म को बेवजह इतना खींचा गया है, जिसके चलते इसकी कहानी सपाट होती चली जाती है और क्लाइमैक्स तक पहुंचते-पहुंचते यह पूरी ब्लर ही हो जाती है।
रफ्तार इतनी धीमी है कि फिल्म आगे बढ़ाने का मन करता है, वहीं थ्रिलर फिल्मों की खासियत रोमांच होती है, जो इसमें मिसिंग है।
फिल्म में तीन-चार किरदार ही हैं। ऐसे में शायद ही यह समझने में देर लगे कि गौतमी की हत्या किसने की होगी।
जानकारी
सिनेमैटोग्राफी और संगीत
'ब्लर' के दृश्य आंखों को सुकून देते हैं। नैनीताल की सुंदर वादियों को सुधीर चौधरी ने जिस तरह से कैमरे में कैद किया है, इसके लिए उनकी तारीफ तो बनती है। फिल्म का गीत-संगीत सामान्य है। बैकग्राउंड म्यूजिक पहले हाफ में ज्यादा प्रभावी लगता है।
निष्कर्ष
फिल्म देखें या ना देखें?
क्यों देखें?- 'ब्लर' थ्रिलर फिल्मों के शौकीनों के लिए बनाई गई है। अगर आप उसी वर्ग से हैं तो इसे एक मौका दे ही सकते हैं।
क्यों न देखें?- अगर आप नई कहानी सोचकर फिल्म देखने वाले हैं तो निराश होंगे, वहीं अगर थ्रिलर फिल्में नापसंद हैं तो भी 'ब्लर' देखने में अपना वक्त जाया न करें।
तापसी ने डबल रोल के साथ पहली बार प्रोडक्शन का काम भी संभाला, उनकी इस मेहनत के लिए 'ब्लर' को 2 स्टार