CBSE के नए अध्यक्ष बने विनीत जोशी, मनोज आहूजा की जगह लेंगे
शिक्षा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विनीत जोशी को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। सरकार की तरफ से सोमवार को इसका ऐलान किया गया। शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि CBSE के पूर्व अध्यक्ष मनोज आहूजा की कृषि और किसान कल्याण विभाग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD) के पद पर नियुक्ति के बाद जोशी को यह अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है।
जोशी को 2010 में भी बनाया गया था CBSE का अध्यक्ष
जोशी मणिपुर कैडर के 1992 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी हैं और उन्हें 2010 में भी CBSE के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वर्तमान में वह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के महानिदेशक हैं। इसके साथ ही वह अन्य कई जिम्मेदारियों के साथ-साथ हायर एजुकेशन फंडिंग एजेंसी (HEFA) का भी जिम्मा संभालते हैं। जोशी के पास कई बड़े शिक्षा निकायों में कार्य करने का लंबा अनुभव है।
IIT कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग कर चुके हैं जोशी
जोशी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और उन्होंने इलाहाबाद स्थित एनी बेसेंट स्कूल और जीआईसी से शिक्षा प्राप्त की है। उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) कानपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की और भारतीय विदेश व्यापार संस्थान से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की। बतौर IAS उन्होंने मणिपुर में युवा और खेल विभाग से अपना करियर शुरू किया। 1999 में वह खेल और युवा मंत्रालय में निजी सचिव के रूप में शामिल हुए।
मनोज आहूजा की जगह लेंगे जोशी
बता दें कि मनोज आहूजा ओडिशा कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। उन्हें 12 मई, 2020 को CBSE का अध्यक्ष बनाया गया था और 14 फरवरी को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। वह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के विशेष निदेशक के रूप में भी कार्य कर चुके हैं । उन्होंने पटियाला स्थित थापर इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया है और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर किया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
CBSE के नए अध्यक्ष के सामने कोरोना वायरस के कारण बोर्ड परीक्षाओं को दो टर्म में आयोजित करना और उनका स्कोर कार्ड तैयार करना बड़ी चुनौती होगी। इसके साथ ही उन पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पाठ्यक्रम तैयार करने की जिम्मेदारी भी है।