अब साल में 2 बार आयोजित की जाएंगी बोर्ड परीक्षाएं, सरकार ने लिया फैसला
केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने नया शिक्षा फ्रेमवर्क पेश किया है। इसके मुताबिक, अब बोर्ड परीक्षाएं साल में 2 बार आयोजित की जाएंगी। विद्यार्थियों को अपना प्रदर्शन सुधारने के लिए 2 बार बोर्ड परीक्षाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। नए फ्रेमवर्क में कहा गया है कि बोर्ड परीक्षाएं याद करने की क्षमता की अपेक्षा विद्यार्थियों की समझ और दक्षता का आंकलन करेंगी। यह शिक्षा फ्रेमवर्क नई शिक्षा नीति के तहत ही तैयार किया गया है।
11वीं और 12वीं के विद्यार्थियों को पढ़नी होंगी 2 भाषाएं
शिक्षा मंत्रालय के नए फ्रेमवर्क के मुताबिक, स्कूल बोर्ड समय और मांग के आधार पर परीक्षाओं की पेशकश करने की क्षमता विकसित करेंगे। कक्षा 11 और 12 में विषयों का चयन केवल स्ट्रीम तक सीमित नहीं रहेगा। अब विषयों के चुनाव में लचीलापन आएगा, छात्र अपनी स्ट्रीम से हटकर भी विषयों का चुनाव कर सकेंगे। विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से 2 भाषाएं पढ़नी होंगी, इसमें कम से कम 1 भाषा भारतीय होगी।
पढ़ाने के तरीके में होगा बदलाव
नई शिक्षा नीति के मुताबिक, अब स्कूलों में पढ़ाने के तरीके में बदलाव होगा। स्कूल की कक्षाओं में पाठ्यपुस्तकों को केवल कवर करने की प्रथा को हटाया जाएगा और छात्रों में विषय की समझ विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। बोर्ड परीक्षाओं के प्रश्नपत्र निर्माण और उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार लोगों को पहले विश्वविद्यालय प्रमाणित पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। इसके बाद बाद ही वे प्रश्नपत्र निर्माण संबंधी काम कर सकेंगे।
छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अंक बनाए रखने की मिलेगी अनुमति
वर्तमान प्रणाली के मुताबिक, बोर्ड परीक्षा साल में केवल 1 बार होती है। ऐसे में छात्रों को अपनी क्षमताएं दिखाने के लिए केवल 1 मौका मिलता है। अगर छात्र पहली बार में परीक्षा पास करने में असफल हो जाते हैं तो उन्हें परीक्षा पास करने का दूसरा मौका नहीं मिलता। इससे छात्रों का पूरा साल बर्बाद हो जाता है। अब साल में 2 बार परीक्षाएं होगी और छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अंक बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी।
नए फ्रेमवर्क के तहत तैयार की जाएंगी पुस्तकें
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2024 के लिए नए पाठ्यक्रम के आधार पर पाठ्यपुस्तकें विकसित करने की तैयारी चल रही है। नए पाठ्यक्रम के तहत बोर्ड परीक्षाओं में महीनों की कोचिंग और रटने की प्रथा को खत्म करने पर जोर दिया जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पाठ्यपुस्तकों की कीमतों में कमी लाई जाएगी ताकि हर विद्यार्थी तक अध्ययन सामग्री पहुंच सके। नया पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को अच्छा प्रदर्शन करने का अवसर देगा।