NEET PG की खाली सीटों के लिए नहीं होगी काउंसलिंग, सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिकाएं
सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट फॉर पोस्ट ग्रेजुएशन (NEET PG) के ऑल इंडिया कोटा में खाली सीटों को भरने के लिए विशेष काउंसलिंग की मांग करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले ही काउंसलिंग के आठ -नौ राउंड हो चुके हैं और ऐसे में केंद्र का एक और दौर की काउंसलिंग न करने का फैसला चिकित्सा शिक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के हित में है।
1,456 सीटें भरने के लिए दायर हुई थीं याचिकाएं
न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCC) ने किसी विशेष दौर की काउंसलिंग आयोजित नहीं कराने का फैसला सोच-समझकर लिया है और इसे मनमाना नहीं माना जा सकता। MCC के वकील ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की पीठ को बताया कि 7 मई, 2022 को कई दौर की काउंसलिंग खत्म होने के बाद 1,456 सीटें खाली रह गई थीं। इन्हीं के लिए याचिकाएं दायर की गई थीं।
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाएं रद्द करते हुए दिया ये तर्क
सुनवाई के दौरान जस्टिस शाह ने कहा, "कई साल ये सीटें खाली रहती हैं और यह पहली बार नहीं है... हर प्रक्रिया की एक सीमा होनी चाहिए और 10 राउंड के बाद भी सीटें खाली रह सकती हैं।" पीठ ने आगे कहा कि छात्र डेढ़ साल बाद अपने अधिकारों का दावा नहीं कर सकते। पीठ ने कहा, "क्या अब यह कहा जा सकता है कि डेढ़ साल बाद आपको प्रवेश दिया जाएगा और लोगों के स्वास्थ्य से समझौता किया जाएगा।"
शिक्षा के साथ नहीं हो सकता कोई समझौता- कोर्ट
कोर्ट ने कहा, "शिक्षा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। हमें पूरा यकीन है। मान लीजिए आप छह महीने से भूखे हैं, क्या आप एक दिन में सब कुछ खा सकते हैं? नहीं। शिक्षा ऐसी ही है। यह तीन साल का कोर्स है। "
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने काउंसलिंग न कराने की क्या वजह दी थी?
स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (DGHS) ने बुधवार को कोर्ट को बताया था कि उसने चार दौर की ऑनलाइन काउंसलिंग पूरी कर ली है और सॉफ्टवेयर बंद होने के कारण वह स्पेशल स्ट्रे वैकेंसी काउंसलिंग राउंड आयोजित करके 1,456 सीटें नहीं भर सकता। DGHS ने आगे कहा था, "याचिकाकर्ता ने देर से प्रार्थना की है और यह आगामी काउंसलिंग सत्र की पूरी प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। दो शैक्षणिक सत्रों के लिए एक साथ काउंसलिंग चलाना भी मुश्किल है।"
याचिकाएं दायर किसने की थीं?
बता दें कि यह याचिकाएं NEET PG 2021-22 परीक्षा में पास हुए और अखिल भारतीय कोटा काउंसलिंग और राज्य कोटा काउंसलिंग के पहले और दूसरे चरण में भाग लेने वाले डॉक्टरों ने दायर की थीं।