अस्पतालों में OPD सेवाएं ठप, जानें आखिर देशभर के रेजीडेंट डॉक्टर क्यों कर रहे हैं हड़ताल
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पोस्ट-ग्रेजुएशन (NEET-PG) की काउंसलिंग में देरी को लेकर शुरू हुई रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल लगातार जारी है। सोमवार देर शाम रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की अहम बैठक में मामले का समाधान नहीं होने तक आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (OPD) सेवाओं का बहिष्कार जारी रखने पर सहमति बनी। ये पूरा मामला क्या है, आइए आपको विस्तार से समझाते हैं।
क्या है डॉक्टरों की मांग?
डॉक्टरों की मांग है कि NEET-PG 2021 की काउंसलिंग में देरी ना हो और जल्द से जल्द एडमिशन किए जाएं। उनका कहना है कि देश में जूनियर रेजिडेंट की कमी है और कोरोना की तीसरी लहर की आंशका के मद्देनजर देश को तैयार रहना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री के साथ हुई बैठकों के बाद भी नहीं निकला कोई नतीजा
FORDA के अध्यक्ष डॉक्टर मनीष सिंह ने ABP न्यूज को बताया कि डॉक्टरों की बैठक पहले भी 27 नवंबर को हुई थी जिसमें केंद्रीय स्वास्थ मंत्री द्वारा मौखिक आश्वासन दिया गया था। इसके बाद प्रदर्शन को लगभग खत्म कर दिया था, लेकिन सरकार आश्वासन पर खरी नहीं उतरी। बैठक में मौजूद डॉक्टरों के मुताबिक, 6 दिसंबर, 2021 को FORDA के अध्यक्ष और प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने दूसरी बार भी मुलाकात की, लेकिन इसका भी कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकला।
आखिर NEET PG काउंसलिंग में देरी क्यों हो रही है?
NEET-PG काउंसलिंग में सुप्रीम कोर्ट में केस चलने के कारण देरी हो रही है। दरअसल, काउंसलिंग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई थी। इसमें NEET दाखिले में EWS वर्ग को 10 प्रतिशत के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है। केंद्र ने कहा है कि वह आरक्षण का लाभ पाने के लिए निर्धारित आठ लाख रुपये सालाना आय के फैसले पर पुनर्विचार करेगा।
कब समाप्त होगी हड़ताल?
FORDA अध्यक्ष ने साफ कर दिया है कि फिलहाल कोई समाधान न मिलने तक हड़ताल चलती रहेगी। उन्होंने कहा, "हम चाहेंगे जल्द से जल्द समाधान निकले, हम समाधान मिलते ही हड़ताल बंद कर देंगे।"
FORDA ने की केंद्रीय स्वास्थ मंत्री से लिखित आश्वासन की मांग
FORDA अध्यक्ष डॉक्टर मनीष सिंह के मुताबिक, 10,000 डॉक्टरों को सिर्फ आश्वासन के जरिए समझाना मुश्किल है, इसलिए उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ मंत्री से बोला है कि वे लिखित आश्वासन दें। डॉक्टर मनीष सिंह ने कहा, "ऐसा लगना चाहिए कि सरकार समाधान निकालने की कोशिश कर रही है। जब तक कोई ठोस हल नहीं मिलेगा तब तक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने कहा था कि शाम तक अपडेट दी जाएगी लेकिन अब तक कोई अपडेट नहीं है।"
मामले में प्रधानमंत्री को करना चाहिए हस्तक्षेप- IMA
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जेए जयालाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस मसले में हस्तक्षेप करना चाहिए और डॉक्टरों को इंसाफ दिलाना चाहिए। उन्होंने पूछा, "सरकार क्यों स्नातकोत्तर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है? आखिर ऐसी क्या वजह है कि सरकार को बार-बार काउंसलिंग में देरी करनी पड़ रही है। इस पर स्पष्टता होना बहुत जरूरी है। इसलिए प्रधानमंत्री को तत्काल निर्देश जारी करने चाहिए।"