लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्रा ने जेल में सरेंडर किया, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थी जमानत
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा वापस जेल पहुंच गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते ही उसकी जमानत रद्द की थी और उसे एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने को कहा था। अब कोर्ट के फैसले के सात दिन बाद वह सरेंडर करते हुए जेल वापस आ गया है।
इससे पहले मिश्रा जमानत पर बाहर चल रहा था और उसे 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत दी थी।
सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- पीड़ितों को नहीं दिया गया अपनी बात रखने का मौका
मिश्रा की जमानत रद्द करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जमानत देते वक्त हाई कोर्ट ने कई अप्रासंगिक चीजों पर ध्यान दिया और न्यायिक मिसालों को नजरअंदाज किया।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पीड़ितों को हर सुनवाई में अपनी बात रखने का हक है और मौजूदा मामले में उन्हें प्रभावी सुनवाई का मौका नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की सुनवाई नहीं करना और जल्दबाजी हाई कोर्ट के जमानत के आदेश को रद्द करने का कारण है।
याचिका
पीड़ित परिवारों ने जताई थी मिश्रा से गवाहों को खतरा होने की आशंका
इससे पहले मिश्रा की जमानत को चुनौती देते हुए पीड़ित परिवारों ने अपनी याचिका में उसे गवाहों के लिए खतरा बताया था।
उन्होंने दावा किया कि मार्च में एक गवाह पर हमला किया गया और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत के बाद हमलावरों ने गवाहों को धमकियां दीं।
हाई कोर्ट के आदेश पर उन्होंने कहा था कि उसने कुछ सिद्धांतों को अनदेखा किया और राज्य सरकार ने भी जमानत के खिलाफ कोई अपील नहीं की।
घटना
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर में पिछले साल 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
चार्जशीट
आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बता चुकी है SIT
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था।
चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद था, जबकि उसने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है।
इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।