संसद की स्थायी समिति की सरकार से सिफारिश, स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल हो वेदों का ज्ञान
क्या है खबर?
शिक्षा मंत्रालय से जुड़ी संसद की स्थायी समिति ने स्कूली किताबों की विषय वस्तु में सुधार को लेकर एक रिपोर्ट संसद में पेश की है। इसमें स्कूली छात्रों को वेद और ग्रंथों पर आधारित शिक्षा भी दिए जाने की सिफारिश की गई है।
भाजपा सांसद विनय सहस्रबुद्धे की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को स्कूलों के पाठ्यक्रम में वेदों एवं अन्य ग्रन्थों पर आधारित शिक्षा व ज्ञान को शामिल करना चाहिए।
इतिहास
पाठ्यक्रम में बढ़ाया जाए मराठा-सिख इतिहास का हिस्सा
समिति ने इस बात पर भी जोर दिया है कि पाठ्यक्रम में सिख और मराठा इतिहास का हिस्सा और विस्तृत रूप में जोड़े जाने की जरूरत है।
राज्यसभा में मंगलवार को रखी गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष इतिहासकारों की निगरानी में इस बात की समीक्षा किए जाने की जरूरत है कि देश के विभिन्न हिस्सों के ताल्लुक रखने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को पाठ्यक्रम में कितनी जगह मिली है।
जरूरत
सामुदायिक इतिहास को भी विस्तृत बनाए जाने की जरूरत
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संसदीय रिपोर्ट में सामुदायिक इतिहास के वर्णन की भी समीक्षा किए जाने की जरूरत बताई गई है। जैसे कि सिख और मराठा इतिहास।
इसके अलावा अन्य सामुदायिक इतिहास को भी और ज्यादा विस्तृत रूप में शामिल किए जाने की जरूरत है।
रिपोर्ट के मुताबिक इस समीक्षा से उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को भी इतिहास में जगह मिल सकेगी जिनके नाम अब तक गुमनाम रहे हैं।
स्थान
प्राचीन भारत के योगदान को भी पाठ्यक्रम में मिलना चाहिए उचित स्थान
संसदीय रिपोर्ट में कहा गया है कि नालंदा, विक्रमशिला और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों में इस्तेमाल होने वाले पाठन के तरीकों का अध्ययन किया जाए और आधुनिक जरूरतों के मुताबिक बदलाव कर उसके बारे में शिक्षकों को बताया जाए।
विज्ञान, गणित और चिकित्सा जैसे विषयों में प्राचीन भारत के योगदान को भी स्कूली पाठ्यक्रम में उचित स्थान मिलना चाहिए और उसे NCERT किताबों में आधुनिक विज्ञान से जोड़कर पेश किया जाना चाहिए।
सदस्य
संसदीय समिति के सदस्यों में कौन-कौन है शामिल?
इस समिति में 10 राज्यसभा सांसद शामिल थे जिनमें चार भाजपा के थे। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस (सुष्मिता देब), CPM (बिकास रंजन भट्टाचार्य), DMK से आरएस भारती, AIDMK से एम थंबीदुरई, समाजवादी पार्टी से विश्वंभर निषाद और कांग्रेस से अखिलेश प्रताप सिंह शामिल थे।
वहीं समिति के 21 लोकसभा सदस्यों में 12 भाजपा के हैं। दो कांग्रेस के हैं और तृणमूल कांग्रेस, CPM, JDU, शिवसेना, YSR कांग्रेस, DMK और BJD से एक-एक सांसद हैं।