
12 जनवरी से शुरू होगी NEET-PG की काउंसलिंग- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट स्नातकोत्तर (NEET-PG) की काउंसलिंग की इजाजत मिलने के बाद रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने 12 जनवरी, 2022 से काउंसलिंग शुरू होने की घोषणा की।
कोर्ट ने काउंसलिंग शुरू करने की अनुमति देते हुए NEET-PG परीक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की वैधता को भी बरकरार रखा है।
घोषणा
मांडविया ने ट्वीट कर किया काउंसलिंग शुरू करने का ऐलान
मांडविया ने ट्वीट कर कहा, 'रेसीडेंट डॉक्टर्स को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा दिए आश्वासन के अनुसार और माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद MCC द्वारा NEET-PG की काउंसलिंग 12 जनवरी, 2022 से शुरू की जाएगी। इससे कोरोना से लड़ाई में देश को और मजबूती मिलेगी। सभी उम्मीदवारों को मेरी शुभकामनाएं।"
बता दें कि मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने शनिवार को काउंसलिंग के संबंध में नोटिस जारी कर आश्वासन दिया था कि काउंसलिंग का शेड्यूल जल्द अधिकारिक वेबसाइट पर जारी होगा।
काउंसलिंग
चार चरणों में होगी काउंसलिंग
MCC ने बताया कि ऑल इंडिया काउंसलिंग कोटा के नियमों में बदलाव किए गए हैं और अब काउंसलिंग चार चरणों में आयोजित होगी। पहले काउंसिलिंग कम चरणों में होती थी।
काउंसलिंग के चारों राउंड कुछ इस प्रकार रहेंगे- AIQ राउंड-1, AIQ राउंड- 2, AIQ मॉपअप राउंड और AIQ स्ट्रे वैकेंसी।
ये नियम NEET (PG) की 50 प्रतिशत, NEET (UG) की 15 प्रतिशत और AIQ की 15 प्रतिशत कोटा की सीटों पर लागू होगा।
दस्तावेज
काउंसलिंग के लिए इन दस्तावेजों को रखें साथ
काउंसलिंग के लिए छात्रों को www.mcc.nic.in पर पंजीकरण करते समय दस्तावेजों और विवरणों का एक सेट जमा करना होगा।
इसके लिए जिन दस्तावेज़ों की जरूरत पड़ेगी वो इस प्रकार है:
NEET प्रवेश पत्र
NEET स्कोर रैंक के साथ NEET 2021 का स्कोर कार्ड
आयु प्रमाण (कक्षा 10वीं की मार्कशीट)
12वीं कक्षा की मार्कशीट
छात्र का पहचान पत्र (आधार या वोटर ID)
MCC का अलॉटमेंट सर्टिफिकेट
MBBS की मार्कशीट
MBBS की डिग्री सर्टिफिकेट
इंटर्नशिप सर्टिफिकेट
जाति पहचान पत्र
दिव्यांगता प्रमाण पत्र
चुनौती
EWS आरक्षण की वैधता को दी गई थी चुनौती
बता दें कि केंद्र सरकार ने 29 जुलाई, 2021 को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए OBC छात्रों को 27 प्रतिशत और EWS छात्रों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया था।
इसमें EWS परिवारों के लिए आठ लाख रुपये सालाना आय का मानदंड निर्धारित किया गया था।
इस पर छात्रों ने MCC के आरक्षण के नोटिस को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 25 अक्टूबर को काउंसलिंग पर रोक लगाई थी।
दलील
छात्रों ने याचिका में क्या दलील दी थी?
याचिकाकर्ताओं के वकील अरविंद दातार ने दलील दी थी कि EWS आरक्षण के लिए आठ लाख रुपये की आय सीमा ज्यादा है।
उन्होंने कहा था कि इससे आर्थिक रूप से मजबूत परिवारों के छात्रों को भी लाभ मिलेगा और इसलिए यह आय सीमा जायज नहीं है।
उन्होंने कहा, "आरक्षण के लिए उम्मीदवारों को घर पंजीकरण दस्तावेज, आय, संपत्ति प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत है। इतनी जल्दी दस्तावेज कहां से प्राप्त होंगे? सरकार पूरे देश पर एक फॉर्मूला थोप रही है।"
हड़ताल
रेजिडेंट डॉक्टरों ने की थी देशव्यापी हड़ताल
बता दें कि काउंसलिंग नहीं होने के कारण फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने पिछले महीने देशव्यापी हड़ताल की थी।
FORDA का कहना था कि देश के रेजिडेंट डॉक्टर कोरोना महामारी के कारण पहले से ही बोझ से दबे और थके हुए हैं और अब तीसरी लहर में परेशानी बढ़ रही है।
इसे लेकर उन्होंने 27 दिसंबर को दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया था। हालांकि आश्वासन के बाद 31 दिसंबर को हड़ताल वापस ले ली गई थी।