लखीमपुर खीरी हिंसा: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से SIT टीम को बदलने को कहा
क्या है खबर?
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से लखीमपुर खीरी मामले की जांच कर रहे जांच विशेष दल (SIT) को बदलने को कहा है। कोर्ट ने जांच में शामिल अधिकारियों के स्तर पर सवाल खड़े किए हैं और सरकार से जांच को उच्च अधिकारियों को सौंपने को कहा है।
कोर्ट ने सरकार से उत्तर प्रदेश के ऐसे वरिष्ठ IPS अधिकारियों की सूची भी मांगी है जिन्हें मामले की जांच सौंपी जा सके।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
मामले की जांच कर रही SIT के अधिकारियों के स्तर पर सवाल उठाते हुए मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना ने कहा, "हमारी चिंता है कि आपको मामले की जांच कर रही टास्क फोर्स को अपग्रेड करना होगा। इसमें उच्च ग्रेड के अधिकारी होने चाहिए।"
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "अभी SIT में ज्यादातर अधिकारी लखीमपुर से ही हैं। आप हमें ऐसे IPS अधिकारियों का नाम दीजिए जो उत्तर प्रदेश से हों, लेकिन लखीमपुर से न हों।"
पिछली सुनवाई
हाई कोर्ट के पूर्व जज से मामले की जांच कराना चाहता है सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते भी जांच की दिशा पर निराशा व्यक्त की थी और कहा था कि वह चाहता है कि जांच की निगरानी हाई कोर्ट का कोई रिटायर जज करे।
सरकार ने रिटायर जज का नाम चुनने की जिम्मेदारी कोर्ट पर ही डाल दी है और कोर्ट ने इसके लिए एक दिन का समय मांगा है।
कोर्ट ने दो अलग-अलग FIR की जांच अलग-अलग न रखने पर भी सवाल खड़े किए थे।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे।
मिश्रा एक कार्यक्रम के लिए अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए।
गुस्साई भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
कार्रवाई
गिरफ्तार किया जा चुका है आशीष
मामले में आशीष मिश्रा के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। उसे पूछताछ में सहयोग न करने और अपने दावों के समर्थन में सबूत पेश न कर पाने के कारण गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी से पहले उससे लगभग 12 घंटे पूछताछ की गई थी।
आशीष ने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि घटना के समय वह घटनास्थल से दूर अपने पैतृक गांव में था।