दिव्यांग महिला शिक्षक जो चार बार जीत चुकी हैं 'बेस्ट टीचर अवॉर्ड', जानें प्ररेणादायक कहानी
कई सारे लोगों के पास सब कुछ होने का बाद भी वे अपने जीवन में कुछ नहीं कर पाते। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो अपनी परेशानियां और कमियों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ जाते हैं और लोगों के लिए प्ररेणा बना जाते हैं। आज हम ऐसी ही एक शिक्षक के बारे में बात करने वाले हैं, जो लोगों के लिए एक प्ररेणा के रुप में सामने आई हैं। आइए जानें इनकी कहानी।
दिव्यांग शिक्षक हेमाकुमारी 15 साल से कर रही हैं काम
तमिलनाडू राज्य के पेनाडाम की 37 वर्षीय दिव्यांग शिक्षक हेमकुमारी सभी के लिए एक प्ररेणा हैं। हेमाकुमारी ने कड़ी मेहनत करके अपने सपनों को पूरा किया है। हेमाकुमारी पेनाडाम के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं। वे लगभग 15 साल से लगातार काम कर रही हैं। हेमकुमारी जन्म से ही अपनी कमर के नीचे के हिस्से से लकवाग्रस्त हैं और चल नहीं पाती हैं।
मां ने किया था पढ़ाई करने से मना
उनकी मां का कहना था कि उन्हें अपनी हालत देखकर पढ़ाई छोड़ देनी चाहिए, लेकिन मां के कहने के बाद भी हेमाकुमारी ने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई पूरी की। आज वे ऐसी तमाम लड़कियों के लिए प्ररेणा हैं। हेमाकुमारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, "मेरी मां ने मेरी हालत को देखते हुए मुझे आगे पढ़ाई करने से मना किया था, लेकिन मैंने अपनी शिक्षा पूरी करने की ठानी और एक शिक्षक बनने का निर्णय लिया।"
चार बार मिल चुका है 'बेस्ट टीचर अवॉर्ड'
हेमाकुमारी के दृढ़ निश्चय के कारण ही उन्हें एक या दो बार नहीं बल्कि चार बार 'बेस्ट टीचर अवार्ड' से सम्मानित किया जा चुका है। हाल ही में उनकी उपलब्धियों में एक और पुरस्कार शामिल हुआ है। उन्हें इरोड में भारती पुधुमई पेन पुरस्कार 2020 से सम्मानित किया गया है। साथ ही उन्हें 2018 में त्रिचि रोटरी क्लब द्वारा नंबिकई, तिरुनेलवेली ग्रीन सिटी द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार, तंजावुर अग्नि सिरगुगल अरकत्तलाई द्वारा सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार भी मिल चुका है।
अपने पैसों से स्कूल में बनवाई स्मार्ट क्लास
हेमाकुमारी की उपलब्धियां यहीं खत्म नहीं होती हैं। उन्होंने फरवरी, 2019 में स्मार्ट क्लास की स्थापना भी की थी। उन्होंने बताया कि उन्हें मास्टर्स डिग्री प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर 60,000 रुपये मिले थे। उन्होंने कुछ स्पॉन्सर की मदद से इस पैसे का उपयोग करके सरकारी स्कूल में स्मार्ट क्लास बनाई। अब स्कूल किसी प्राइवेट स्कूल से कम नहीं है। हेमकुमारी शिक्षा पर अधिक ध्यान देना चाहती हैं, जिससे छात्रों के लिए इसे रोचक बना सके।