केंद्र सरकार ने शुरू की 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' योजना, जानें किन्हें मिलेगा लाभ
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार ने स्कूल न जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाने के उद्देश्य से 'कन्या शिक्षा प्रवेश उत्सव' योजना की शुरूआत की। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा साझेदारी में शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत किसी भी कारण से स्कूल की पढ़ाई छोड़ चुकी देशभर की 11 से 14 वर्ष की बालिकाओं की औपचारिक शिक्षा में वापसी कराई जाएगी।
महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने के सरकार प्रतिबद्ध- स्मृति ईरानी
केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने योजना के शुभारंभ के दौरान कहा कि सरकार महिलाओं और लड़कियों के लिए काम करने की आवश्यकता को पूरी तरह से स्वीकार करती है। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा, वित्तीय साक्षरता और कौशल निर्माण में निरंतर निवेश करने, युवा महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाने और भारत के बच्चों और युवाओं के बीच लिंग-समानता के दृष्टिकोण और प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
4 लाख से अधिक छात्राओं को मिलेगा फायदा
महिला और बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे के अनुसार, इस योजना के माध्यम से देश की चार लाख से अधिक छात्राओं को 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना, किशोर बालिका योजना (SAG) और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के प्रावधानों में सम्मिलित करते हुए लाभान्वित किया जाएगा। पांडे ने कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद से स्कूल न जाने वाली लड़कियों को शिक्षा प्रणाली में वापस लाना सरकार का मुख्य लक्ष्य रहा है।
SAG योजना के अंतर्गत लाभार्थी लड़कियों की संख्या घटी
पांडे ने कहा कि 2018-19 में 11.88 लाख लड़कियां SAG योजना के अंतर्गत लाभार्थी थीं और 2021 में यह संख्या घटकर 5.03 लाख रह गई। उन्होंने कहा, "पोषण-2 और सक्षम आंगनबाड़ी के तहत हम केवल 14 से 18 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों को ही लेंगे। इसके अलावा 11 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियां नई स्कूली शिक्षा में आंगनबाड़ी प्रणाली में नहीं आएंगी और ये केवल पूर्वोत्तर राज्यों और हमारे सभी आकांक्षी जिलों का ध्यान रखेगी।"
न्यूजबाइट्स प्लस
हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है और हर बार महिला दिवस किसी न किसी थीम पर आधारित होता है। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम 'जेंडर इक्वलिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमोरो' यानी 'मजबूत भविष्य के लिए लैंगिक समानता' है। बता दें कि महिलाओं के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने के लिए दुनियाभर में इस दिन को मनाया जाता है।