व्हीलचेयर पर बैठकर कार्तिक कंसल ने पास किया UPSC, IIT से पढ़कर बने थे ISRO साइंटिस्ट
जब से संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के नतीजे जारी हुए हैं, तब से हम सबको एक से बढ़कर एक प्रेरणादायक कहानियां सुनने को मिल रही हैं। अब ऐसी ही कहानी 25 वर्ष के कार्तिक कंसल की सामने आई है जिन्होंने व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे पहले इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) से इंजीनियरिंग करके बतौर साइंटिस्ट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में नौकरी की और अब UPSC की तरफ से आयोजित सिविल सेवा परीक्षा पास कर ली है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नाम की बीमारी से ग्रसित हैं कार्तिक
इंडिया टुडे के मुताबिक, आठ साल की उम्र में कार्तिक को पता चला कि वे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक बीमारी से पीड़ित हैं। यह एक ऐसा रोग है जिसमें शरीर के अंग धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। खेलने-कूदने की उम्र में उनका जीवन ज्यादातर इस रोग के उपचार में व्यतीत होने लगा था, लेकिन उनकी शारीरिक कमजोरी उनकी इच्छाशक्ति को कमजोर नहीं कर पाई और अपनी कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने UPSC पास कर लिया।
UPSC की इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा पास करने के बाद भी नहीं मिली थी नौकरी
2018 में कार्तिक ने IIT रूड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद GATE और UPSC की इंजीनियरिंग सर्विसेज परीक्षा भी पास की थी, लेकिन उनके दिव्यांग होने के कारण उन्हें नौकरी नहीं मिल पाई। उन्होंने बताया कि परीक्षा पास करने के बाद भी नौकरी न मिलने के बाद ही उन्हें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की प्रेरणा मिली ताकि वह नीतियों में बदलाव कर सकें और उनके जैसे लोगों को नौकरी के अवसर मिल सकें।
कार्तिक तीन बार दे चुके हैं UPSC की परीक्षा
2019 में कार्तिक का सिविल सेवा परीक्षा का पहल प्रयास था और इसमें उन्होंने 813वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें पोस्टल विभाग मिला था, लेकिन उस समय उन्होंने ज्वॉइन नहीं किया क्योंकि वह एडमिनिस्ट्रेटिव पद पर काम करना चाहते थे। 2020 में जब उन्होंने दोबारा परीक्षा दी तो वह इंटव्यू के लिए पास नहीं हो सके। इसके बाद तीसरे प्रयास यानि 2021 की परीक्षा के लिए उन्होंने और अधिक मेहनत की और वह 271वीं रैंक हासिल करने में कामयाब हुए।
नौकरी के साथ-साथ किस तरह तैयारी करते थे कार्तिक?
कार्तिक बताते हैं कि नौकरी करने की वजह से उनके पास पढ़ाई करने का समय कम था, लेकिन UPSC पास करना ही उनका लक्ष्य था, इसलिए उन्होंने टाइम टेबल बनाया। उन्होंने बताया कि वह सुबह 6 बजे से 8 बजे तक पढ़ाई करते थे और फिर शाम को 6:30 बजे ऑफिस से लौटने के बाद वह रात 11 बजे तक पढ़ाई करते थे। इसके अलावा छुट्टी वाले दिनों को वह पूरा दिन पढ़ाई के लिए ही रखते थे।