हरियाणा: लॉकडाउन के चलते केवल ट्यूशन फीस ले पाएंगे प्राइवेट स्कूल, सरकार ने जारी किए निर्देश
COVID-19 के कारण देश में चल रहे लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने प्राइवेट स्कूलों को छात्रों से केवल ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया है। कोरोना महामारी के कारण मार्च मध्य से सभी स्कूल और कॉलेज बंद चल रहे हैं। सभी अभिभावक स्कूल की फीस और पढ़ाई आदि को लेकर चिंतित हैं, लेकिन हरियाणा सरकार के इस फैसले के बाद अब अभिभावकों की चिंता काफी कम हो जाएगी। आइए जानें पूरी खबर।
केवल ट्यूशन फीस ले सकते हैं स्कूल
हरियाणा सरकार ने स्कूलों से प्रति माह के आधार पर ट्यूशन फीस लेने को कहा है। स्कूल बिल्डिंग एंड मेंटेनेंस फंड, एडमिशन फीस, कंप्यूटर फीस और कोई भी अन्य फीस नहीं ले सकते हैं। स्कूल शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बीते शुक्रवार को कहा कि इन निर्देशों का पालन नहीं करने वाले स्कूलों पर कार्रवाई होगी। सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए।
नहीं बढ़ाई जाएगी फीस
प्रवक्ता ने ये भी कहा कि निर्देशों के अनुसार प्राइवेट स्कूलों को मासिक ट्यूशन फीस नहीं बढ़ाने और लॉकडाउन के दौरान छात्रों से परिवहन फीस नहीं लेने के लिए भी कहा गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि स्कूल यूनिफॉर्म, पाठ्य-पुस्तकें, अभ्यास पुस्तकें, प्रैक्टिकल फाइल आदि की कीमतों में भी कोई बदलाव नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कोई भी प्राइवेट स्कूल मासिक फीस में कोई अन्य फीस नहीं लगाएगा।
फीस नहीं देने पर स्कूल से नहीं निकाल सकते
बता दें कि फीस जमा नहीं करने पर किसी भी छात्र को स्कूल से नहीं निकालने का और उसे ऑनलाइन शिक्षा देना का भी निर्देश दिया गया है। लॉकडाउन के कारण आम आदमी की आय पर काफी प्रभाव पड़ा है, इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा में सभी शैक्षणिक संस्थान फिलहाल 03 मई तक बंद हैं। आगे का निर्णय बाद में लिया जाएगा।
दिल्ली सरकार ने भी दिए ऐसे ही निर्देश
हरियाणा के अलावा दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सभी प्राइवेट स्कूलों को कोरोनो वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान केवल मासिक ट्यूशन फीस लेने के लिए कहा है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने स्कूलों को किसी भी अन्य फीस नहीं लेने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही स्कूलों को एक साथ नहीं बल्कि प्रति माह फीस लेने का निर्देश भी दिया गया है।