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हरियाणा बोर्ड परीक्षा: 10वीं के टॉपर्स ने बनाई थी फोन से दूरी, ऐसे करते थे पढ़ाई
कैबिनेट मंत्री देवेंद्र बबली के साथ प्रदेश टॉपर हिमेश (तस्वीरः ट्विटर@DIPROFatehabad)

हरियाणा बोर्ड परीक्षा: 10वीं के टॉपर्स ने बनाई थी फोन से दूरी, ऐसे करते थे पढ़ाई

लेखन राशि
May 16, 2023
07:39 pm

क्या है खबर?

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने 10वीं का परिणाम जारी कर दिया। परिणाम में बेटियों ने अपना परचम लहराया है। सोनीपत की वर्षा, फतेहाबाद के हिमेश और भिवानी की सोनू ने संयुक्त रूप से प्रदेश में टॉप किया है। इन तीनों ने 500 में से 498 अंक हासिल किए। दूसरे स्थान पर 497 अंक के साथ फतेहाबाद की सिमरन, पलवल के दीपेश और हिसार की मानही हैं। आइए जानते हैं बोर्ड टॉपरों की सफलता का राज।

वर्षा

प्रदेश टॉपर वर्षा ने ऐसे की पढ़ाई

प्रदेश टॉपर वर्षा सोनीपत के गोहाना की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई संत बाबा घोघर पब्लिक स्कूल से की। वर्षा ने अपनी सफलता का राज बताते हुए मीडिया को कहा " मैंने पूरे साल नियमित तौर पर ध्यान लगाकर पढ़ाई की। कोई भी काम कल पर नहीं छोड़ा। मैं प्रतिदिन के लक्ष्य को पूरा करती थी। मैंने कभी किसी टॉपिक को नहीं टाला। सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखी। केवल पढ़ाई के लिए ही फोन का इस्तेमाल करती थी।"

IPS

IPS बनना चाहती हैं वर्षा

वर्षा आगे चलकर IPS अधिकारी बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा, "मेरे माता-पिता ने हर स्तर पर मेरा सहयोग किया। मैं आगे भी उनका नाम रोशन करना चाहती हूं।" वर्षा के पिता प्राइवेट नौकरी करते हैं और मां गृहणी हैं। दोनों अपनी बेटी की उपलब्धि पर खुश हैं। उन्होंने बताया कि वर्षा शुरुआत से ही बहुत मेहनती है। वो हमेशा पढ़ती रहती थी। स्कूल से आने के बाद घर पर भी घंटों पढ़ाई करती थी।

हिमेश

हिमेश ने बताया सफलता का राज

10वीं में 500 में से 498 अंक हासिल करने वाले हिमेश भूना के रहने वाले हैं। उन्होंने न्यू सनराइज स्कूल से पढ़ाई की। हिमेश ने पूरे साल मेहनत से पढ़ाई की। उन्होंने कमजोर क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया और लगातार सुधार किया। उन्होंने बताया कि पेपर अच्छे गए थे, लेकिन टॉप करने की उम्मीद नहीं थी। उनकी इस सफलता पर पूरा परिवार खुश है। हिमेश आगे चलकर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की तैयारी कर IPS अधिकारी बनना चाहते हैं।

तीसरे

याशी ने पढ़ाई के लिए बनाया था ऐसा रूटीन

बोर्ड में तीसरे नंबर पर 8 टॉपर हैं। इनमें रोहतक की रहने वाली याशी भी शामिल हैं। याशी प्रतिदिन करीब 7 घंटे पढ़ाई करती थी। उन्होंने नियमित रूप से पढ़ाई की। किसी विषय में कठिनाई आती थी तो शिक्षकों की मदद लेती हैं। याशी ने बताया "मैंने सालभर सोशल मीडिया का उपयोग नहीं किया। मैं केवल पढ़ाई के लिए मोबाइल का उपयोग करती थी। परीक्षा के दौरान पढ़ाई के लिए सामान्य से ज्यादा समय दिया"

पिता

पिता के साथ खेत पर काम भी करती थी याशी

याशी के पिता किसान हैं और मां गृहणी हैं। याशी ने बताया, "मैं खाली समय के दौरान अपने माता-पिता के साथ खेत में काम करने के लिए चली जाती थी। मेरा छोटा भाई भी है, मैं अपने साथ उसे भी पढ़ाती थी।" याशी आगे चलकर मेडिकल संकाय से पढ़ाई करेंगी। वे अभी NEET की तैयारी कर रही हैं और आगे चलकर डॉक्टर बनना चाहती हैं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया है।