इस राज्य में अगले शैक्षणिक सत्र से अंग्रेजी माध्यम हो जाएंगे सभी सरकारी स्कूल
देश और दुनिया में अंग्रेजी भाषा का महत्व बढ़ता जा रहा है। तेलंगाना कैबिनेट ने भी इसे देखते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक सत्र 2022-23 से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई शुरू करने का फैसला लिया है। इसके अलावा निजी स्कूल, जूनियर और डिग्री कॉलेजों में फीस को विनियमित करने का निर्णय भी लिया गया है। तेलंगाना सरकार की आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, सोमवार को हुई बैठक में ये फैसले लिए गए।
हमारा गांव-हमारा स्कूल योजना को मिली मंजूरी
बैठक में तेलंगाना मंत्रिमंडल ने सरकारी स्कूल में बेहतर बुनियादी सुविधाओं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 7,289 करोड़ रुपये की लागत की 'मन वूरू मन बड़ी' (हमारा गांव-हमारा स्कूल) योजना को भी मंजूरी दी। विज्ञप्ति के अनुसार, मंत्रिमंडल को महसूस हुआ कि अगर शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी हो जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजने के लिए तैयार हो जाएंगे।
मुद्दे पर दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए बनाई गई उपसमिति
इस मुद्दे पर गौर करने और दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए मंत्रिमंडल ने शिक्षा मंत्री सबिता इंद्र रेड्डी की अध्यक्षता में मंत्रियों की एक उपसमिति का गठन किया है।
शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए बनाई जाएगी कार्य योजना
मंत्रिमंडल ने सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी को शिक्षा का माध्यम बनाने और इसके अनुरूप आधारभूत संरचना विकसित करने के लिए अन्य निर्णय भी लिए। सरकार ने प्राथमिक स्तर पर छात्रों को अंग्रेजी में शिक्षा देने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित करने, स्कूल में बच्चों के लिए आकर्षक वातावरण बनाने, परिसर को साफ-सुथरा रखने और मिड-डे मील कार्यक्रम में सुधार करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने का निर्णय भी लिया है।
न्यूजबाइट्स प्लस
जहां एक तरफ नई शिक्षा नीति के तहत क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने अंग्रजी माध्यम को स्कूलों में तरजीह दे रहे हैं। आंध्र प्रदेश ने अंग्रेजी माध्यम को कक्षा 10 तक अनिवार्य कर दिया था, लेकिन बाद में आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने सरकार के आदेश पर रोक लगा दी। अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।