
जेप्टो ने अप्रैल में कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किए करीब 100 करोड़ रुपये
क्या है खबर?
क्विक कॉमर्स कंपनी जेप्टो ने अप्रैल महीने में करीब 100 करोड़ रुपये अपने कर्मचारियों के वेतन पर खर्च किए हैं।
मनीकॉन्ट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने अपने 3,000 कर्मचारियों को कुल 95 करोड़ रुपये वेतन में दिए।
यह आंकड़ा मार्च में हुए 115-120 करोड़ रुपये के भुगतान से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी इंडस्ट्री के औसत से काफी ज्यादा है, जिससे कंपनी की बढ़ती निश्चित लागत का संकेत मिलता है।
खर्च
स्विगी और जोमैटो का वेतन खर्च जेप्टो से भी ज्यादा
स्विगी और जोमैटो (इटरनल) जैसी बड़ी कंपनियों का वेतन खर्च जेप्टो से भी अधिक रहा है।
मनीकॉन्ट्रोल के मुताबिक, स्विगी ने अप्रैल में अपने लगभग 5,500 कर्मचारियों को 120-130 करोड़ रुपये वेतन में दिए, जबकि जोमैटो ने करीब 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों को हर महीने 160-170 करोड़ रुपये का वेतन दिया।
इन कंपनियों के पास जेप्टो से ज्यादा कर्मचारियों और बिजनेस यूनिट्स के बावजूद जेप्टो की लागत उनके करीब पहुंच रही है।
लागत
स्थानांतरण और नए कार्यालय से बढ़ी वेतन लागत
मार्च में जेप्टो की सैलरी लागत बढ़ने की एक वजह यह भी थी कि कंपनी ने अपने कई कर्मचारियों को मुंबई से बेंगलुरु स्थानांतरित किया।
इसके अलावा, जेप्टो ने हाल ही में एक नया कार्यालय शुरू किया है, जिससे जुड़ी व्यवस्थाओं पर भी काफी खर्च हुआ।
इसी कारण मार्च में जेप्टो का खर्च बढ़कर 115-120 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था, जो अप्रैल में घटकर फिर 95 करोड़ रुपये पर आ गया।
प्रतिस्पर्धा
प्रतिस्पर्धा में कंपनियां दे रहीं ज्यादा वेतन
ब्लिंकिट, स्विग्गी और जेप्टो जैसी क्विक कॉमर्स कंपनियों के बीच हो रही कड़ी प्रतिस्पर्धा के चलते कर्मचारियों को आकर्षित करने के लिए ज्यादा वेतन, स्टॉक विकल्प और बेहतर सुविधाएं दी जा रही हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि जेप्टो प्रतिभा को बनाए रखने के लिए इंडस्ट्री औसत से 2-3 गुना अधिक वेतन देने को भी तैयार है। इस वजह से इस सेक्टर में सैलरी खर्च में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।