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पर्सनल लोन मंजूरी में डिजिटल KYC की क्या है भूमिका? जानिए इसके फायदे 
डिजिटल KYC से पर्सनल लोन मंजूरी की प्रक्रिया तेज हो जाती है (तस्वीर: फ्रीपिक)

पर्सनल लोन मंजूरी में डिजिटल KYC की क्या है भूमिका? जानिए इसके फायदे 

Jul 28, 2025
12:18 pm

क्या है खबर?

डिजिटल नो योर कस्टमर (KYC) बैंकिंग परिवेश में पर्सनल लोन प्रोसेसिंग के तरीके को बदल दिया है। लोन स्वीकृति और रिमोट ऑथेंटिकेशन के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह लोन लेने वाले की पहचान और पते की पुष्टि करने का एक कानूनी तरीका है। यह बैंक को उसकी लोन चुकाने की क्षमता स्थापित करने में मदद करने के साथ धोखाधड़ी और पहचान की चोरी रोकने में भी मददगार है। आइये जानते हैं लोन में डिजिटल KYC का क्या फायदा है।

डिजिटल KYC

क्या होता है डिजिटल KYC?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (AML) अधिनियम के तहत भारत में सभी पर्सनल लोन के लिए KYC सत्यापन अनिवार्य है। इसके बिना कोई भी धनराशि जारी नहीं की जा सकती। बिना कागजी फॉर्म की आवश्यकता के बिना होने वाला सत्यापन डिजिटल KYC या E-KYC कहा जाता है। इसमें पैन कार्ड, आधार OTP या बायोमेट्रिक सत्यापन के माध्यम से पहचान की पुष्टि की जाती है। कुछ स्थितियों में लाइव वीडियो KYC सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है।

फायदा 

क्या है डिजिटल KYC के फायदे?

तेज प्रोसेसिंग: डिजिटल KYC कुछ ही मिनटों में हो जाता है, जिससे लोन प्रोसेसिंग में बहुत कम समय लगता है। कागज रहित: इसके लिए शाखा में गए बिना ग्राहक अपना पैन और आधार डिजिटल रूप से अपलोड कर OTP से सत्यापन कर सकते हैं। धोखाधड़ी की रोकथाम: ऑटोमैटिक जांच, बायोमेट्रिक सत्यापन और ऑनलाइन जांच धोखाधड़ी रोकती है। बेहतर पहुंच: यह दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों को बिना दौड़-भाग किए KYC कराकर लोन दिलाने में अहम भूमिका निभाता है।