RBI ने रेपो रेट में की कटौती, जानिए लोन पर कितनी होगी बचत
क्या है खबर?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2023 के बाद पहली बार रेपो रेट में बदलाव करने का फैसला किया है।
RBI गर्वनर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई 6 सदस्यों वाली मौद्रिक नीति समीति (MPC) की बैठक में दर को 25 अंक घटाकर 6.25 प्रतिशत किया गया है। इससे पहले यह दर 6.5 प्रतिशत थी।
हर दूसरे महीने होने वाली 3 दिवसीय बैठक में रेपो रेट पर कम होने की उम्मीद थी। यह मल्होत्रा की पहली नीति समिति बैठक थी।
रेपो रेट
2020 में कोरोना के कारण कम हुए थे रेपो रेट, 2023 से नहीं बदले गए
RBI ने मई 2020 में कोरोना महामारी के दौरान रेपो रेट में कटौती की थी, जिसके बाद अप्रैल 2022 से रेपो रेट में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की गई और फरवरी 2023 में इसे बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया गया था।
इसके बाद से लगातार 11 बार MPC की बैठक हो चुकी थी, लेकिन दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इससे पहले RBI गर्वनर शक्तिकात दास की अध्यक्षता में समिति ने 2 साल तक दरों को अपरिवर्तित रखा।
असर
रेपो रेट कम होने से कैसे पड़ेगा असर?
रेपो कम होने का सीधा असर लोगों की जेब पर पड़ेगा। इससे होम लोन, पर्सनल लोन और वाहन लोन सस्ते होंगे और ब्याज दरें कम होने से राहत मिलेगी।
दरअसल, लोगों की तरह बैंक भी जरूरत पड़ने पर RBI से लोन लेते हैं। RBI उनको जिस दर पर कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
अब अगर RBI को कम ब्याज दर पर कर्ज मिलेगा तो वह ग्राहकों को भी कम दर पर कर्ज देंगे।
जेब
इस तरह जानिए आपको कितनी होगी बचत?
मान लीजिए, किसी व्यक्ति ने 20 साल के लिए 8.5 प्रतिशत की ब्याज दर पर 50 लाख रुपये का होम लोन लिया है, तो रेपो रेट में 25 आधार अंक की कटौती होने से उसकी ब्याज दर 8.25 प्रतिशत हो जाएगी।
ऐसे में अगर पहले 8.50 प्रतिशत की ब्याज दर पर प्रतिमाह 43,391 रुपये EMI दे रहे थे, तो नए रेपो रेट के बाद 8.25 प्रतिशत के मुताबिक 42,603 रुपये EMI देनी पड़ेगी।
इस तरह हर महीने 788 रुपये बचेंगे।
दर
मई 2022 से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत थी
RBI के रेपो रेट ने कोरोना के बाद महंगाई की आग को नियंत्रित करने का काम किया था। जब महंगाई बढ़ी तो रेपो रेट बढ़ाकर नकदी प्रवाह को कम किया गया।
मई 2022 से पहले रेपो रेट 4 प्रतिशत थी, लेकिन यह बढ़ते-बढ़ते फरवरी 2023 में 6.50 प्रतिशत पर पहुंच गई। RBI ने फरवरी 2023 में रेपो रेट 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी
इस तरह से देखें तो लोग फरवरी 2023 से पहले की दर का लाभ लेंगे।