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लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतिम बजट में क्या कुछ रह सकता है?
लोकसभा चुनाव से पहले 1 फरवरी को मोदी सरकार अपना अंतिम बजट पेश करने जा रही है

लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार के अंतिम बजट में क्या कुछ रह सकता है?

लेखन नवीन
Jan 30, 2024
02:01 pm

क्या है खबर?

लोकसभा चुनाव से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार का अंतिम बजट पेश करने जा रही हैं। 1 फरवरी को पेश होने वाले इस अंतिरम बजट से आम लोगों को बड़ी उम्मीदें हैं। सरकार चुनाव को देखते हुए बजट में किसानों, महिलाओं, गरीबों और युवाओं को लुभाने की कोशिश में है। हालांकि, अर्थशास्त्रियों का मानना है कि बजट में बुनियादी खर्च में बढ़ोतरी की उम्मीदें कम हैं। आइए जानते हैं बजट में क्या कुछ खास हो सकता है।

बड़ी घोषणा

कोई बड़ी लोकलुभावन घोषणा होने की उम्मीद न के बराबर

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त मंत्री सीतारमण ने पहले ही संकेत दे दिया है कि कोई बड़ी घोषणा नहीं होगी। वित्त मंत्रालय को आगामी वित्तीय वर्ष में विकास दर 7 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है, इसलिए बजट में अतिरिक्त प्रोत्साहन की बहुत कम आवश्यकता है। ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अभिषेक गुप्ता ने कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अभी मजबूत स्थिति में है और उस पर बजट में लोकलुभावन कदम उठाने का दबाव कम है।

घाटा

राजकोषीय घाटे में सुधार की उम्मीद

कोरोना वायरल महामारी में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 9.2 प्रतिशत तक पहुंचने के बाद से सरकार राजकोषीय घाटे को कम रखने का प्रयास कर रही है। अर्थशास्त्रियों के अनुसार, मार्च में समाप्त होने वाले चालू वित्तीय वर्ष में राजकोषीय घाटे को अधिकतम 5.9 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य संभवतः पूरा हो जाएगा। मौजूद वित्त विर्ष के लिए इस लक्ष्य को 5.3 प्रतिशत किया जा सकता है। इसका मतलब है कि टैक्स में राहत की उम्मीद भी कम रहेगी।

बुनियादी ढांचा व्यय

बुनियादी ढांचे पर खर्च

मोदी सरकार ने सड़कों, बंदरगाहों और बिजली संयंत्रों पर खर्च को प्राथमिकता देते हुए पिछले 3 सालों में पूंजीगत व्यय में सालाना लगभग एक तिहाई की वृद्धि की है। सरकार ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा बैठक में कहा कि वित्तीय क्षेत्र और व्यावसायिक सुधारों के साथ-साथ मजबूत बुनियादी ढांचे से अगले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था को 7 प्रतिशत तक की वृद्धि करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस बार अर्थशास्त्रियों ने बुनियादी ढांचे पर कम खर्च की उम्मीद जताई है।

ग्रामीण कल्याण

ग्रामीण कल्याण

अर्थशास्त्रियों के अनुसार, सरकार ने पहले ही रसोई गैस और उर्वरकों पर सब्सिडी बढ़ा दी है और करीब 2 लाख करोड़ रुपये सालाना की लागत से 80 करोड़ लोगों के लिए अगले 5 साल के लिए मुफ्त भोजन कार्यक्रम का विस्तार किया है। जेफरीज इंडिया लिमिटेड के विश्लेषकों को उम्मीद है कि सरकार बजट में किसानों को वित्तीय सहायता, आवास और स्वास्थ्य बीमा जैसी कुछ योजनाओं के विस्तार के साथ-साथ अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं की घोषणा कर सकती है।

महिला 

महिला और युवा

सरकार ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए पहले ही रसोई गैस सब्सिडी में वृद्धि की है और उन्हें सस्ता ऋण प्रदान किया है। विश्लेषकों को उम्मीद है कि आगामी चुनावों में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए सरकार बजट में महिला किसानों को आर्थिक मदद दोगुना (12,000 रुपये) कर सकती है। युवाओं को लुभाने के लिए बजट में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) जैसी योजना का विस्तार हो सकता है। इससे युवाओं को नौकरी के अधिक अवसर मिलेंगे।