अमेरिका: टिक-टॉक पर प्रतिबंध वाले विधेयक पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर
इस हफ्ते की शुरुआत में अमेरिकी सीनेट से टिक-टॉक की बिक्री या प्रतिबंध को बाध्य करने वाले विधेयक को मंजूरी मिली थी। अब राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी इस इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिया है, जिससे अब यह कानून बन गया है। इस कानून के तहत टिक-टॉक की मूल कंपनी बाइटडांस को अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए 9 महीने का समय दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर ऐप को अमेरिका में ब्लॉक कर दिया जाएगा।
टिक-टॉक कानून को अदालत में देगी चुनौती
टिक-टॉक ने कहा है कि वह इस कानून को अदालत में चुनौती देगी, जिससे इसकी बिक्री या प्रतिबंध में देरी हो सकती है। कंपनी ने कहा, "यह असंवैधानिक कानून है और हम इसे अदालत में चुनौती देंगे। हमें विश्वास है कि तथ्य और कानून स्पष्ट रूप से हमारे पक्ष में हैं और हम अंततः जीतेंगे।" बता दें, बाइटडांस अगर टिक-टॉक को बेचने के लिए तैयार भी होती है, तो सौदे के लिए चीनी अधिकारियों की मंजूरी की आवश्यकता होगी।
अमेरिका का टिक-टॉक पर क्या है आरोप?
शॉर्ट-वीडियो प्लेटफॉर्म टिक-टॉक को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी लंबे समय से खतरा मनाती रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि चीनी कंपनी बाइटडांस के स्वामित्व वाली टिक-टॉक अपने अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन के साथ साझा करती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को बड़ा खतरा है। विधेयक में भी टिक-टॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है। हालांकि, बाइटडांस हमेशा से अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों के इन दावों को बेबुनियाद बताती रही है।