आध्यात्मिक नेता और अरबपति आगा खान का 88 वर्ष की उम्र में निधन
क्या है खबर?
आध्यात्मिक नेता और अरबपति आगा खान का 88 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है।
उनकी चैरिटी संस्था आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क ने बताया कि उन्होंने पुर्तगाल के लिस्बन में अपने परिवार के साथ शांतिपूर्वक अंतिम सांस ली। उनके निधन पर दुनियाभर में शोक व्यक्त किया जा रहा है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें एक दूरदर्शी और उदार नेता बताया, जबकि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वे शांति, सहिष्णुता और करुणा के प्रतीक थे।
परिचय
स्विट्जरलैंड में हुआ था उनका जन्म
प्रिंस करीम आगा खान का जन्म 13 दिसंबर, 1936 को स्विट्जरलैंड में हुआ था।
ब्रिटिश नागरिकता प्राप्त करने के बावजूद वे फ्रांस में एक महल में रहते थे। 1957 में मात्र 20 साल की उम्र में उन्होंने अपने दादा सुल्तान महोम्मद शाह के बाद इस्माइली मुसलमानों के इमाम का पद संभाला।
उनके अनुयायी उन्हें पैगंबर मुहम्मद के वंश का हिस्सा मानते हैं। उन्होंने केवल धार्मिक नेतृत्व तक खुद को सीमित नहीं रखा, बल्कि समाज सुधार में भी अहम भूमिका निभाई।
परिचय
संपत्ति, व्यवसाय और खेलों में रुचि
फोर्ब्स के अनुसार, 2008 में उनकी संपत्ति करीब 8,700 करोड़ रुपये थी। उनके पास बहामास में एक निजी द्वीप, एक सुपर-यॉट और एक निजी जेट था।
वे घुड़दौड़ के भी बड़े शौकीन थे और फ्रांस और आयरलैंड में कई प्रतिष्ठित घुड़सवार प्रतियोगिताओं के अग्रणी मालिकों में शामिल थे।
उनके घोड़े शेरगर को दुनिया का सबसे प्रसिद्ध रेसिंग घोड़ा माना जाता था, लेकिन 1983 में इस घोड़े का अपहरण कर लिया गया था और वह फिर कभी नहीं मिला।
योगदान
शिक्षा और समाज सेवा में योगदान
खान ने शिक्षा, स्वास्थ्य और सांस्कृतिक विकास को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने दुनियाभर में कई अस्पताल, स्कूल और सामाजिक संस्थानों की स्थापना की।
उन्होंने कराची में एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय की स्थापना की और हार्वर्ड तथा MIT में इस्लामिक आर्किटेक्चर के अध्ययन के लिए विशेष कार्यक्रम शुरू करवाए।
भारत में भी उनके योगदान को सराहा गया, खासकर दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के जीर्णोद्धार में उनकी संस्था आगा खान ट्रस्ट फॉर कल्चर की अहम भूमिका रही।