इंफोसिस ने ऑफर लेटर देने में की देरी, हो सकती है कानूनी कार्रवाई
केंद्र सरकार ने कर्नाटक सरकार से देश की प्रमुख टेक कंपनी इंफोसिस के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। इंफोसिस में कैंपस प्लेसमेंट में नौकरी हासिल कर पाने वाले हजारों इंजीनियरों को ऑफर लेटर देने में देरी की है, जिससे उन इंजीनियरों के करियर पर बुरा असर पड़ रहा है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने कर्नाटक राज्य श्रम आयुक्त कार्यालय को मामले की जांच करने और संबंधित श्रम कानूनों के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
कंपनी के खिलाफ शिकायत
पुणे स्थित IT यूनियन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने 20 अगस्त को 2022-23 कैंपस प्लेसमेंट के दौरान सिस्टम इंजीनियर (SE) और डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (DSE) पदों के लिए चुने गए 2,000 से अधिक युवा इंजीनियरिंग स्नातकों के साथ हो रहे शोषण और गैर-पेशेवर व्यवहार के लिए इंफोसिस के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। NITES की शिकायत के बाद कंपनी ने कुछ के लिए ऑफर लेटर जारी कर दिए थे।
इतने इंजीनियरों को नहीं मिला ऑफर लेटर
कैंपस प्लेसमेंट के दौरान नौकरी के लिए चुने गए सभी इंजीनियरों को 2022 में इन्फोसिस में एक ऑफर लेटर जारी किया था, लेकिन उनकी जॉइनिंग नहीं की गई थी और उन्हें बिना वेतन वाले ट्रेनिंग प्रोग्राम में जोड़ा जा रहा था। NITES ने 3 सितंबर को बताया कि शिकायत के बाद इंफोसिस में 2,000 फ्रेशर इंजीनियरों को फाइनल ऑफर लेटर दिया है, लेकिन 700 फ्रेशर इंजीनियर अभी भी फाइनल ऑफर लेटर का इंतजार कर रहे हैं।