
भारत के स्क्रीन टाइम एंटरटेनमेंट बाजार का आकार 2029 तक हो सकता है 1,400 अरब रुपये
क्या है खबर?
नेटफ्लिक्स, जियोहॉटस्टार और अमेजन प्राइम जैसे OTT प्लेटफॉर्म और सस्ते इंटरनेट के कारण भारत का स्क्रीन टाइम एंटरटेनमेंट बाजार तेजी से बढ़ रहा है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की रिपोर्ट के अनुसार, यह बाजार 2029 तक 17 अरब डॉलर (लगभग 1,400 अरब रुपये) तक पहुंच सकता है।
इसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म सबसे बड़ा योगदान देंगे, जबकि टेलीविजन और फिल्में भी अहम भूमिका में रहेंगी।
इस बदलाव के साथ भारत में मनोरंजन देखने का तरीका पूरी तरह से बदलता जा रहा है।
ऑनलाइन वीडियो
ऑनलाइन वीडियो सबसे बड़ा खंड
रिपोर्ट के मुताबिक, 2029 तक ऑनलाइन वीडियो अकेले 8.6 अरब डॉलर (लगभग 700 अरब रुपये) की कमाई कर सकता है, जिससे यह सबसे बड़ा राजस्व खंड बन जाएगा।
इसकी वजह सस्ता डाटा, मोबाइल का बढ़ता उपयोग और स्थानीय भाषा की कंटेंट है। वहीं, टेलीविजन में थोड़ी गिरावट आने के बावजूद यह 6.8 अरब डॉलर (लगभग 570 अरब रुपये) की हिस्सेदारी के साथ मजबूत बना रहेगा।
फिल्मों की कमाई 1.9 अरब डॉलर (लगभग 160 अरब रुपये) तक पहुंच सकती है।
निवेश
कंटेंट पर निवेश बढ़ेगा
2029 तक भारत में कंटेंट निवेश लगभग 630 अरब रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो पहली बार टेलीविजन निवेश के बराबर होगा।
ऑनलाइन वीडियो की हिस्सेदारी 2019 में 15 प्रतिशत थी, जो 2029 तक 43 प्रतिशत तक जा सकती है। भारत अब एशिया के सबसे बड़े वीडियो कंटेंट बाजारों में से एक है।
2024 में इस क्षेत्र से लगभग 350 अरब रुपये की कमाई हुई, जिसमें 75 प्रतिशत राजस्व विज्ञापनों से आया और 25 प्रतिशत सब्सक्रिप्शन के जरिए।
चुनौती
पायरेसी बनी बड़ी चुनौती
तेजी से बढ़ते इस डिजिटल बाजार को अनियंत्रित वीडियो पायरेसी से बड़ी परेशानी हो रही है।
2024 में लगभग 9 करोड़ लोगों ने पायरेटेड वीडियो देखे, जिससे 1.2 अरब डॉलर (लगभग 100 अरब रुपये) का नुकसान हुआ। यह कानूनी वीडियो कमाई का लगभग 10 प्रतिशत है।
CII ने कहा कि अगर पायरेसी पर कड़ा नियंत्रण किया जाए तो इस क्षेत्र में निवेश और कमाई दोनों बढ़ सकती हैं और डिजिटल मनोरंजन का विकास और तेजी से हो सकता है।