यूट्यूब से होने वाली कमाई पर कैसे लगता है टैक्स?
क्या है खबर?
यूट्यूब चैनलों के जरिए लोग पैसे कमाते हैं और इस कमाई के आधार पर इनकम टैक्स भरना पड़ता है।
यूट्यूब से होने वाली कमाई और इससे जुड़े टैक्स को लेकर नए लोगों के मन में कई सवाल हो सकते हैं।
उदाहरण के लिए यूट्यूब से होने वाली कमाई बिजनेस में आती है या प्रोफेशन में, इसमें आयकर की कौन-सी धारा (44AD या 44ADA) लागू होती है और कौन-सा ITR फॉर्म भरना होता है?
आइये इन सवालों के उत्तर जानते हैं।
यूट्यूब
इन 2 तरह से लगाया जा सकता है टैक्स
यूट्यूब से होने वाली आय पर लगने वाला टैक्स इस बात पर निर्भर करेगा कि यूजर यूट्यूब को किस स्तर तक इस्तेमाल कर रहे हैं।
यदि यह उनकी आय का एकमात्र साधन है या इससे उन्हें पर्याप्त आय होती है तो इसे बिजनेस इनकम माना जाएगा। ऐसे में आय पर 'प्रॉफिट्स एंड गेन्स ऑफ बिजनेस ऑर प्रोफेशन' के तहत टैक्स लगेगा।
यदि ज्यादा आय नहीं होती है तो 'इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज' के तहत टैक्स लगाया जा सकता है।
यूजर
वीडियो के आधार पर तय होगा कि यूट्यूब बिजनेस है या प्रोफेशन
यदि यूजर का यूट्यूब 'प्रॉफिट्स एंड गेन्स ऑफ बिजनेस ऑर प्रोफेशन' के अंतर्गत आता है तो यह पता करने की जरूरत है कि इसे बिजनेस या प्रोफेशन में से क्या माना जाएगा। यह इस पर निर्भर करता है कि यूजर कैसे वीडियो अपलोड कर रहे हैं।
यदि ऐसे वीडियो अपलोड कर रहे हैं, जिस कंटेंट के लिए तकनीकी विशेषज्ञता/प्रशिक्षण की जरूरत है तो इसे प्रोफेशन के रूप में माना जाएगा, अन्यथा बिजनेस से होने वाली आय माना जा सकता है।
टैक्स
यूट्यूब आय को बिजनेस इनकम मानने पर लागू होगी धारा 44AD
यूट्यूब वीडियो से कमाई करने वाले किसी भी यूजर की आय को यदि बिजनेस से होने वाली आय के रूप में माना जाता है तो धारा 44AD के प्रावधान लागू होंगे।
इसके लिए अगर यूट्यूब से होने वाली आय 10,000 से ज्यादा है तो टैक्स का भुगतान एडवांस टैक्स के तौर पर किया जा सकता है, वहीं अगर लायबिलिटी इससे कम है तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टैक्स का भुगतान किया जा सकता है।
बिजनेस
गृह संपत्ति पर भी निर्भर करेगा टैक्स
यदि यूजर यूट्यूब की आय को बिजनेस इनकम के रूप में चुनते हैं तो उन्हें फॉर्म नंबर ITR 4 भरना होगा।
यदि यूजर के पास एक से अधिक गृह संपत्ति या हेड कैपिटल गेन के तहत टैक्सेबल इनकम है तो उन्हें ITR 1 या 2 भरना होगा।
यदि यूजर धारा 44 AD या 44 ADA के तहत बेनिफिट ऑफ प्रिजम्टिव टैक्स का लाभ चाहते हैं तो ITR 4S दाखिल कर सकते हैं, लेकिन एक से अधिक गृह संपत्ति न हो।