कब शुरू हुआ था इनकम टैक्स कानून? 200 रुपये की सालाना कमाई पर लगता था टैक्स

शनिवार को बजट पेश होने जा रहा है। इनकम टैक्स चुकाने वाले अधिकतर लोगों की नजरें इस पर टिकी हैं कि टैक्स स्लैब में क्या बदलाव किए जाते हैं। बजट पेश होने के साथ यह तस्वीर भी साफ हो जाएगी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में इनकम टैक्स का पहला कानून कब आया था? अगर नहीं जानते तो हम आपके इस सवाल का जवाब देने जा रहे हैं। आइये, इनकम टैक्स के इतिहास पर एक नजर डालते हैं।
अविभाजित भारत का पहला बजट 1860 में पेश हुआ था। स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक और द इकोनॉमिस्ट पत्रिका के संस्थापक और अंग्रेजी अफसर जेम्स विल्सन ने यह बजट पेश किया था। इसी बजट में इनकम टैक्स कानून को शामिल किया गया था। उस समय 200 रुपये सालाना से ऊपर की इनकम पर टैक्स लगता था। आजादी के बाद नया कानून बना और फिलहाल 1961 का इनकम टैक्स लागू है। इसमें समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं।
1860 में जब बजट पेश किया गया तो इसमें 200-500 रुपये की सालाना कमाई पर 2 प्रतिशत और 500 रुपये से ज्यादा सालाना कमाई पर 4 प्रतिशत टैक्स लगता था। इसमें सेना, नौसेना और पुलिसकर्मियों को छूट दी गई थी। यह कानून ब्रिटेेन के कानून पर आधारित था। हालांकि, इस कानून का विरोध भी हुआ था। ब्रिटेन में सेना का खर्च निकालने के लिए 1798 में तत्कालीन प्रधानमंत्री विलियम पिट ने इनकम टैक्स कानून बनाया था।
1857 में भारतीय सैनिकों ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी। इससे निपटने के लिए अंग्रेजों ने सेना पर खर्च बढ़ा दिया। बताया जाता है कि 1857-58 में अंग्रेजों ने अपनी सेना पर 2.1 करोड़ पाउंड खर्च किए। 1858 में तत्कालीन महारानी विक्टोरिया ने ऐलान किया कि भारत में अब ब्रिटिश सरकार का राज होगा। इसी दौरान 'द गवर्नमेंट ऑफ इंडिया एक्ट 1858' आया। इससे भारत के आर्थिक मामलों का नियंत्रण अंग्रेजों के पास चला गया।
1857 की क्रांति से निपटने के लिए अंग्रेजों को भारी राशि खर्च करनी पड़ी और उस पर कर्ज का बोझ बढ़ने लगा। इसे देखते हुए 1859 में जेम्स विल्सन को भारत भेजा गया। विल्सन ने 1860 में भारत का पहला बजट पेश किया। इसमें इनकम टैक्स, लाइसेंस टैक्स और तंबाकू टैक्स का प्रस्ताव रखा गया। बजट पेश करते हुए विल्सन ने 'मनुस्मृति' का उदाहरण दिया था। मनुस्मृति में लिखा गया है कि शास्त्रों के अनुसार राजा कर लगा सकता है।