हार्ले-डेविडसन ने भारत से समेटा अपना कारोबार, कारखाना बंद करने का किया निर्णय

अमेरिका की दिग्गज मोटरसाइकिल निर्माता कंपनी हार्ले-डेविडसन कोरोना महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी और लगातार घटती बिक्री के कारण भारत में अपना कारोबार समेटने जा रही है। कंपनी ने अपने खर्चों में 75 मिलियन डॉलर की कटौती की योजना बनाई है। जिसके तहत उसने भारत में मोटरसाइकिल की मैन्युफैक्चरिंग बंद करने का निर्णय किया है। कंपनी अगले 12 महीनों में अपने कारोबार को पुनर्गठित करने की योजना बनाई है।
TOI के अनुसार कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) जोचेन जित्स ने कहा कि 'द रिवाइयर' रणनीति से जुड़ी लागत इस साल 169 मिलीयन डॉलर (11.83 अरब रुपये) है। कंपनी को आगामी 12 महीनों में अपने पुनर्गठन की कार्रवाई पूरी होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि कंपनी उन बाजारों पर ध्यान देने के लिए रिवाइयर रणनीति बनाई हैं, जहां संभावित विकास हो रहा है और भारत इस सूची में शामिल नहीं है।
बता दें कि कंपनी ने भारत में अपनी मोटरसाइकिलों की मैन्युफैक्चरिंग के लिए हरियाणा के बावल में अपना कारखाना खोल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस महामारी को लेकर लगाए गए लॉकडाउन के बाद बिक्री न के बराबर हो गई है। ऐसे में कंपनी ने कारखाना बंद करने का निर्णय किया है। हालांकि, कंपनी ने भारत में बाइक खरीदने वालों को सर्विस सुविधा उपलब्ध कराने तथा नए पार्ट्स की बिक्री की व्यवस्था जारी रखने की बात कही है।
सूत्रों के अनुसार कंपनी भारत में सर्विस सुविधा के लिए किसी देसी दुपहिया वाहन कंपनी के साथ साझेदारी करने की योजना बना रही है और जल्द ही इसकी घोषणा कर सकती है। साझेदारी के मामले में हीरो मोटोकॉर्प का नाम सबसे ऊपर आ रहा है।
अगर आंकड़ों की बात करें तो पिछले वित्त वर्ष में कंपनी भारत में 2,500 मोटरसाइकिल भी नहीं बेच पाई थी। वहीं इस साल अप्रैल-जून के बीच कंपनी लगभग 100 मोटरसाइकिल ही बेच पाई। हार्ले-डेविडसन भारत से अपना कारोबार समेट रही है। वह ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा करने वाली दूसरी अमेरिकी ऑटो कंपनी है। इससे पहले जनरल मोटर्स ने 2017 में भारत में अपना कारोबार बंद करते हुए गुजरात प्लांट बेच दिया था।
हार्ले-डेविडसन ने 2009 में भारतीय बाजार में कदम रखा था। अगले साल जुलाई में कंपनी ने भारत में अपनी पहली डीलरशिप की शुरुआत की थी। फिलहाल, भारत में मोटरसाइकिलों की बिक्री के लिए कंपनी की 13 अधिकृत डीलरशिप मौजूद हैं।
बता दें कंपनी ने जुलाई महीने में पहली तिमाही के नतीजों के साथ एक बयान भी जारी किया था। उसमें कहा गया था कि कंपनी उन अंतरराष्ट्रीय बाजारों से बाहर निकलने की योजना बना रही है, जहां बिक्री और फायदा भविष्य की निवेश की नीतियों के अनुरूप नहीं है। इसी रणनीति पर चलते हुए हार्ले-डेविडसन भारत से जाने की योजना बना रही है। उस बयान के बाद कंपनी ने बची हुई मोटसाइकिलों की बिक्री के लिए भाई डिस्काउंट दिया था।