भारतीय अर्थव्यवस्था में हुआ सुधार, तीसरी तिमाही में 4.7% हुई GDP विकास दर
क्या है खबर?
सुस्ती से जूझ रही भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में थोड़ी सक्रियता आई है।
सरकार की ओर से केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO) ने चालू वर्ष की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के आधिकारिक आंकड़े प्रस्तुत कर दिए।
इसमें विकास दर 4.7 प्रतिशत बताई गई है। यह दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर की विकास दर 4.5 प्रतिशत से 0.2 प्रतिशत अधिक है।
जानकारी
छह साल के निचले स्तर पर रही थी दूसरी तिमाही की विकास दर
आपको बता दें कि चालू वर्ष की दूसरी तिमाही की विकास दर 4.5 प्रतिशत पिछले छह साल के सबसे निम्न स्तर और एक साल पहले की इसी तिमाही की विकास दर 6.6 प्रतिशत से कम रही थी।
वित्तीय वर्ष
पूरे साल के लिए पांच प्रतिशत रखी है विकास दर
CSO की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में पूरे वित्तीय वर्ष के लिए GDP विकास दर पांच प्रतिशत रखी है।
यह भी बताया गया है कि जनवरी के महीने में कोर सेक्टर में ग्रोथ रेट 2.2 प्रतिशत दर्ज की गई है, जबकि दिसंबर में 2.1 प्रतिशत थी।
आठ बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर जनवरी में 2.2 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी महीने में 1.5 प्रतिशत थी। ऐसे में अगली तिमाही में इसके और बढ़ने की उम्मीद है।
GVA
GVA विकास दर में भी हुआ सुधार
CSO की ओर से जारी आंकड़ों में तीसरी तिमाही के लिए सकल मूल्य वर्धित (GVA) विकास दर को भी 4.5 प्रतिशत दिखाया गया है। जुलाई से सितंबर की दूसरी तिमाही में यह 4.3 प्रतिशत रही थी।
इसमें भी 0.2 प्रतिशत की वृदि्ध हुई है। साल 2019 की दिसंबर की तिमाही में यह 6.3 प्रतिशत थी।
जारी किए गए नए आंकड़े मोटे तौर पर उम्मीदों के अनुरूप रहे हैं। यदि बेहतर प्रयास जारी रहे तो विकास दर में वृदि्ध संभव है।
चेतावनी
रॉयटर्स पोल ने सरकार को दी है चेतावनी
रॉयटर्स पोल ने गुरुवार को सरकार को सुझाव दिया था कि भारत की अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
इस दौरान उसने यह भी चेतावनी दी थी कि वैश्विक स्तर पर कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते व्यापार मंदा पड़ा हुआ है। ऐसे में वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में विकास दर में गिरावट दर्ज की जा सकती है। ऐसे में सरकार को इस गिरावट से बचने के लिए बेहतर प्रयास करने होंगे।
अनुमान
CSO और वर्ल्ड बैंक ने अर्थव्यवस्था पर लगाया यह अनुमान
CSO और वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 में GDP दर के पांच प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। जबकि सरकार के आर्थिक सर्वे में GDP विकास दर 6-6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
कुछ एजेंसियों का मानना है कि अंतिम तिमाही में विकास दर 4.4 प्रतिशत पर रह सकती है और पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट आएगी। यस बैंक और कोटक बैंक ने दिसंबर तिमाही में विकास दर के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया है।
लोन डिमांड
नहीं बढ़ रही लोन की मांग, महंगाई पहुंची आसमान पर
भारत में अर्थव्यवस्था की सुस्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि एक साल में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 1.35 प्रतिशत की कटौती कर दी है।
इसके बावजूद बाजार में लोन की मांग नहीं बढ़ रही है। इसके उलट महंगाई दर 4 प्रतिशत के लक्ष्य से करीब दोगुनी पहुंच चुकी है।
इंडस्ट्रिलय प्रॉडक्शन में भी गिरावट है। इस स्थिति पर सरकार का कहना है कि GST जैसे निर्णयों का असर आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा।