रिटायरमेंट के बाद हर महीने उठाएं 9,250 रुपये की पेंशन, जानें क्या है योजना
क्या है खबर?
सरकार की योजनाओं की बात करें तो इसमें बच्चे और बुजुर्ग सभी को जगह दी जाती है। हर किसी के लिए कोई न कोई योजना सरकार संचालित कर रही है। इन्हीं योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री वय वंदना योजना है।
इस योजना का फायदा आपके रिटायरमेंट पर पेंशन के रूप में मिलता है, ताकि आप अपने खर्चों का आसानी से वहन कर सकें।
आइए जानते हैं क्या है वय वंदना योजना और इसमें किस तरह करते हैं निवेश।
जानकारी
क्या है प्रधानमंत्री वय वंदना योजना?
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना का शुभारंभ 4 मई 2017 को केंद्र सरकार के द्वारा किया गया था। यह एक सरकारी पेंशन स्कीम है जिसका फायदा वरिष्ठ नागरिकों को मिलता है।
इस योजना में निवेश करने पर अच्छा ब्याज मिलता है। यह योजना भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के अधीन चलाई जाती है।
इस योजना में आप एक बार में पूरा पैसा दे सकते हैं। अगर आप चाहें तो हर महीने भी निवेश करने का विकल्प है।
पेंशन
हर महीने 9,250 रुपये मिलती है पेंशन
प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में आप पेंशन मासिक, तिमाही, छमाही और वार्षिक रूप में ले सकते हैं।
मासिक पेंशन में कम से कम 1,000 रुपये और अधिकतम 9,250 रुपये मिलते हैं।
तिमाही पेंशन में कम से कम से 3,000 रुपये और अधिकतम 27,750 रुपये मिलते हैं।
छमाही पेंशन योजना के तहत कम से कम 6,000 रुपये और अधिकतम 55,500 रुपये पा सकते हैं।
वार्षिक रूप में पेंशन आपको कम से कम 12,000 रुपये और अधिकतम 1,11,000 रुपये मिलते हैं।
निवेश और ब्याज
15 लाख के निवेश पर मिलता है सालाना 7.6 फीसदी ब्याज
इस योजना में आप अधिकतम एकमुश्त 15 लाख रुपये का निवेश कर सकते हैं।
पहले इस योजना में प्रति परिवार 15 लाख रुपये का निवेश कर सकते थे।, लेकिन अब एक ही परिवार में अगर दो वरिष्ठ नागरिक हैं तो वो 15-15 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं।
मासिक निवेश में 7.4 फीसदी, तिमाही में 7.45 फीसदी, छिमाही निवेश में 7.52 फीसदी और सालाना निवेश में 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है।
जानकारी
संतुष्टि न होने पर योजना वापस करने का भी विकल्प
यह योजना 10 साल के लिए होती है, वहीं अगर आप इस योजना से संतुष्ट नहीं है तो इसे वापस भी कर सकते हैं।
अगर आपने यह योजना ऑफलाइन माध्यम से ली है तो इसे 15 दिन के अंदर वापस कर सकते हैं।
वहीं अगर आपने यह योजना ऑनलाइन माध्यम से खरीदी है तो इसे वापस करने में 30 दिन का समय ले सकते हैं। इसके साथ में आपको पॉलिसी वापस करने का कारण भी बताना होगा।