जोमैटो और स्विगी कर रहे प्रतिस्पर्धी नियमों का उल्लंघन, CCI की जांच में खुलासा
ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कंपनी जोमैटो और स्विगी नई मुसीबत में फंसते दिख रहे हैं। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच में खुलासा हुआ है कि दोनों कंपनियां प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन कर रही हैं। जांच में सामने आया है कि दोनों कंपनियों ने अपने प्लेटफार्मों पर रेस्टोरेंट्स को विशेष रूप से अनुबंध और व्यापार वृद्धि की गारंटी देकर प्रतिस्पर्धा को कम किया है। हालांकि, ये रिपोर्ट अभी सार्वजनिक नहीं हुई है।
जोमैटो-स्विगी पर क्या आरोप हैं?
रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि CCI द्वारा तैयार किए गए एक दस्तावेज के मुताबिक, जोमैटो ने अपने पार्टनर के साथ कम कमीशन पर खास तरह के कॉन्ट्रैक्ट किए। वहीं, स्विगी ने कुछ रेस्तरां को अपने प्लेटफॉर्म पर विशेष तौर से जुड़ने के बदले में कारोबार तेजी से बढ़ाने का आश्वासन दिया। CCI ने कहा कि स्विगी, जोमैटो और उनके रेस्तरां पार्टनर के बीच इस तरह के विशेष कॉन्ट्रैक्ट बाजार को अधिक प्रतिस्पर्धी बनने से रोकते हैं।
क्या है मामला?
2022 में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने स्विगी और जोमैटो के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि इन प्लेटफॉर्मों की प्रतिस्पर्धा रोकने वाली गतिविधियों से खाने-पीने के आउटलेट्स पर प्रतिकूल असर पड़ा है। इस शिकायत के आधार पर स्विगी और जोमैटो के खिलाफ जांच शुरू की गई थी। मार्च, 2024 में जांच रिपोर्ट को स्विगी, जोमैटो और शिकायत करने वाले रेस्टोरेंट के साथ साझा किया गया था।
आगे क्या हो सकता है?
CCI के मुताबिक, स्विगी और जोमैटो ने अपने-अपने प्लेटफॉर्म पर लगभग समान कीमतें ही रखवाई हैं, जिससे बाजार में प्रतिस्पर्धा कम हुई है। इससे रेस्टोरेंट पर असर पड़ा है, क्योंकि वे दूसरे प्लेटफॉर्म पर इससे कम कीमत में अपनी सुविधाएं नहीं दे सकती। रिपोर्ट के मुताबिक, CCI की जांच अंतिम चरण में हैं और वो कारोबारी प्रथा में बदलाव या जुर्माने पर विचार कर सकता है। हालांकि, कंपनियां CCI के फैसले को चुनौती दे सकती हैं।
आज ही बंद हुआ है स्विगी का IPO
स्विगी के IPO का आज (8 नवंबर) को तीसरा और आखिरी दिन था। सब्सक्रिप्शन के आधार पर IPO ज्यादा कमाल नहीं दिखा पाया है। आखिरी दिन तक IPO 3.59 गुना ही सब्सक्राइब होकर बंद हो गया। ये IPO 6 नवंबर को खुला था, जिसके जरिए कंपनी कुल 11,327 करोड़ रुपये जुटाना चाह रही है। फ्रेश इश्यू के जरिए 11.54 करोड़ शेयर बेचे गए हैं। कंपनी ने 371 से 390 रुपये का प्राइस बैंड निर्धारित किया है।