अमेजन पर लगा 202 करोड़ का जुर्माना, फ्यूचर समूह के साथ सौदे पर भी रोक
क्या है खबर?
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने अमेरिकी कपनी अमेजन और फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड के सौदे को दी मंजूरी निलंबित कर दी है। इसके अलावा अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अमेजन पर आरोप है कि उसने 2019 में मंजूरी प्राप्त करते समय अपने निवेश की पूरी जानकारी नहीं दी थी।
बता दें कि आयोग ने नवंबर, 2019 में अमेजन को फ्यूचर कूपन्स प्राइवेट लिमिटेड में अमेजन 49 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की हरी झंडी दिखाई थी।
जानकारी
जुर्माना चुकाने के लिए अमेजन के पास 60 दिन का समय
आयोग ने कुछ उल्लंघनों का हवाला देते हुए कहा कि ये अमेजन की तरफ से समझौते के उद्देश्य और उसकी असली क्षमता को दबाने के लिए जानबूझकर किए गए प्रयास थे।
अमेजन को जुर्माना चुकाने और सही और पूरी जानकारी देने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है। इसके बाद आयोग फिर से इस सौदे की समीक्षा करेगा।
दूसरी तरफ अमेजन ने कहा कि वह फैसले की समीक्षा के बाद अगले कदमों पर विचार करेगी।
सौदा
क्या था सौदा?
अमेजन ने अगस्त, 2019 में 20 करोड़ डॉलर में फ्यूचर कूपन्स के 49 प्रतिशत शेयर खरीदे थे। इस सौदे में अमेजन को हिस्सेदारी के साथ-साथ अमेजन को कुछ 'विशेष' अधिकार भी मिले थे।
ऐसे ही एक 'विशेष' अधिकार के अनुसार, यदि फ्यूचर समूह 2019 वाले सौदे के तीन से 10 सालों के दौरान कुछ भी बेचेगा तो उसे खरीदने का सबसे पहला अधिकार अमेजन को होगा।
बता दें कि फ्यूचर कूपन्स के पास फ्यूचर रिटेल में 7.3 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
जानकारी
इसी आधार पर हुआ फ्यूचर समूह और रिलायंस सौदे का विरोध
पिछले साल फ्यूचर समूह के मालिक किशोर बियानी ने अपने रिटेल और होलसेल कारोबार 'बिग बाजार' को रिलायंस समूह को बेचने के करार पर हस्ताक्षर किए थे।
इसके लिए रिलायंस को 24,713 करोड़ रुपये चुकाने थे, लेकिन तभी अमेजन बीच में आ गई।
अमेजन ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि 2019 के सौदे में फ्यूचर समूह इस बात पर सहमत हुआ था कि वह अपना रिटेल बिजनेस रिलायंस समेत उसके किसी भी प्रतिद्ंवदंवी को नहीं बेचेगा।
फैसला
अमेजन के पक्ष में आए फैसले
रिलायंस और फ्यूचर समूह के बीच हुए सौदे को लेकर पिछले साल अमेजन सिंगापुर स्थित 'सिंगापुर इंटरनेशल आर्बिट्रेशन सेंटर' (SIAC) पहुंची और दोनों भारतीय कंपनियों के बीच हुए सौदे को रद्द करने की मांग की।
यहां से फैसला अमेजन के पक्ष में आया था। हालांकि, इसका फैसला भारत में लागू नहीं होता, लेकिन भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भी इसी साल अगस्त में आर्बिट्रेशन सेंटर के फैसले को सही बताते हुए अमेजन के पक्ष में फैसला सुनाया था।
न्यूजबाइट्स प्लस
अमेजन और रिलायंस की नजरें फ्यूचर ग्रुप पर क्यों?
अमेजन की नजर भारत में फ्यूचर समूह के 1,700 से ज्यादा रिटेल स्टोर पर है।
फ्यूचर समूह और अमेजन लगभग एक ही तरह के बिजनेस में हैं। एक ऑनलाइन रिटेल तो दूसरा ऑफलाइन रिटेल स्टोर का किंग है। अमेजन भारत में रिटेल बिजनेस में पांव पसारने के लिए यह सौदा करना चाहती है।
वहीं इस समय देशभर में रिलायंस के करीब 10,900 स्टोर्स मौजूद हैं और इस सौदे से रिलायंस को कमाई के लिए 1,700 रिटेल स्टोर और मिल जाएंगे।