होली और छुट्टियों के कारण 27 मार्च से 4 अप्रैल तक सिर्फ दो दिन खुलेंगे बैंक
क्या है खबर?
देश के सरकारी और निजी क्षेत्र के सभी बैंक 27 मार्च से लेकर 4 अप्रैल के बीच केवल दो दिन खुलेंगे। ऐसे में अगर आपको बैंक से संबंधित कोई भी काम है, तो इन तारीखों का ध्यान रखना जरूरी है।
27 मार्च के बाद अलग-अलग छुट्टियों के कारण बैंक लगातार तीन दिन के लिए बंद रहेंगे। उसके बाद 30 मार्च को एक दिन बैंक खुलेंगे और फिर तीन दिनों के लिए बंद हो जाएंगे।
वजह
कब-कब क्यों बंद रहेंगे बैंक?
27 मार्च को चौथे शनिवार, 28 मार्च को रविवार और 29 मार्च को होली के चलते देश के सभी बैंक बंद रहेंगे।
इसके बाद 30 मार्च को एक दिन के लिए बैंक खुलेंगे और कामकाज सामान्य रहेगा। बाद में 31 मार्च को वित्तीय वर्ष का आखिरी दिन होने के कारण बैंक फिर बंद हो जाएंगे।
1 अप्रैल को अकाउंट्स की क्लोजिंग के लिए और 2 अप्रैल को गुड फ्राइडे के चलते सभी बैंकों की छुट्टी रहेगी।
बैंक
अगले हफ्ते में केवल दो दिन होगा कामकाज
2 अप्रैल के बाद अगले दिन यानी शनिवार को बैंक खुलेंगे और 4 अप्रैल को रविवार होने के कारण बैंक फिर बंद रहेंगे।
इस हिसाब से देखा जाए तो 27 मार्च से लेकर 4 अप्रैल तक केवल दो दिन ही बैंकों में कामकाज होगा।
ऐसे में अगर आपको बैंक से संबंधित जरूरी काम है तो उसे निपटाने के लिए आपके पास अगले हफ्ते में केवल दो दिन का समय है। इसलिए उसी हिसाब से योजना बनाकर चलें।
बैंकिंग सेवाएं
इन सेवाओं पर पड़ेगा असर
छुट्टियों के कारण बैंक बंद रहने से उन सभी सेवाओं पर असर पड़ेगा, जिनका फायदा बैंक में जाकर उठाया जाता है।
लोग बैंक में जाकर न तो पैसा जमा करा पाएंगे और न ही निकाल पाएंगे। इसके अलावा दूसरी कई सेवाओं भी प्रभावित होंगी।
हालांकि, इस दौरान ATM और इंटरनेट बैंकिंग सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा और ये सामान्य दिनों की तरह जारी रहेंगी। इस कारण लोगों की कुछ मुश्किलें आसान हो जाएंगी।
हड़ताल
हड़ताल के कारण भी प्रभावित रहा था कामकाज
इससे पहले इसी महीने यूनियनों की हड़ताल और छुट्टियों के चलते लगातार चार दिनों तक बैंकों का कामकाज प्रभावित रहा था।
दरअसल, 13 और 14 मार्च को दूसरा शनिवार और रविवार होने के कारण बैंक बंद थे और उसके बाद 15-16 मार्च को बैंक यूनियनों ने हड़ताल का आह्वान किया था।
यूनियनों ने सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई थी, जिसके बाद सरकार ने कहा था कि सभी बैंकों का निजीकरण नहीं होगा।