वाहनों की उम्र नहीं प्रदूषण आधार पर होगी स्क्रैपिंग, नई नीति पर चल रहा काम
केंद्र सरकार वाहनों की स्क्रैपेज पॉलिसी में बदलाव करने की योजना बना रही है। इसके तहत वाहनों की स्क्रैपिंग उसकी उम्र के बजाय प्रदूषण के स्तर के आधार पर होगी। इसको लेकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के वार्षिक सम्मेलन में जानकारी दी। साथ ही उन्होंने वाहन निर्माताओं से प्रदूषण जांच के कार्यक्रम को भरोसेमंद डिजाइन करने में सरकार की मदद करने का आग्रह किया है।
मौजूदा नीति काे लेकर वाहन मालिक करते हैं यह सवाल
सचिव अनुराग जैन ने कहा, "15 साल के बाद स्क्रैपिंग अनिवार्य करने पर लोगों का लेकर आते हैं कि अगर, मैंने अपने वाहन को अच्छी तरह से बनाए रखा है, तो आप मेरे वाहन को स्क्रैप क्यों करना चाहते हैं? आप इसे अनिवार्य नहीं कर सकते।" ऐसी स्थितियों पर विचार करने के लिए उन्होंने कहा, "हम प्रदूषण से ही इसका अध्ययन कर रहे हैं और सरकार इसके लिए एक नीति पर काम कर रही है।"
भरोसेमंद प्रदूषण जांच कार्यक्रम बनाने की जरूरत
सरकारी अधिकारी ने इसे लागू करने के लिए एक भरोसेमंद प्रदूषण परीक्षण की आवश्यकता जताई है। उन्होंने कहा, "मैं आप सभी से अनुरोध करूंगा कि प्रदूषण जांच के कार्यक्रम को सही डिजाइन करने में हमारी मदद करें। इसलिए, सर्टिफिकेट पाने के बजाय, आपको एक भरोसेमंद सर्टिफिकेट बनाना होगा।" उन्होंने पुराने स्क्रैप्ड वाहनों कराने वाले नए खरीदारों को मौजूदा स्क्रैपेज नीति के अनुसार 3 प्रतिशत तक की छूट की पेशकश करने के लिए ऑटाेमोबाइल कंपनियों की सराहना भी की।