4 सालों में 2.5 लाख से ज्यादा बढ़ा कारों का निर्यात, जानिए कैसे रहे हैं आंकड़े
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारत में बनी कारों के निर्यात में लगातार इजाफा हो रहा है। इसमें पिछले 4 वित्तीय वर्षों में 2.67 लाख की वृद्धि हुई है। सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में गाड़ियों का निर्यात 4.04 लाख रहा था। यह 2021-22 में बढ़कर 5.77 लाख हो गया और 2022-23 में 6.62 लाख पर पहुंच गया। 2023-24 में निर्यात 6.72 लाख रहा, जो 2020-21 (4.04 लाख) की तुलना में 2.67 लाख ज्यादा है।
निर्यात में मारुति की सबसे ज्यादा हिस्सेदारी
पिछले 3 वित्तीय वर्षों में निर्यात में हुई वृद्धि में 70 प्रतिशत हिस्सेदारी मारुति सुजुकी की रही है। कार निर्माता ने वित्त वर्ष 2021 और वित्त वर्ष 2024 के बीच निर्यात में 1.85 लाख की वृद्धि हासिल की है। मारुति ने पिछले वित्त वर्ष 2024 में 2.8 लाख कारें विदेशों में भेजी थीं, जो वित्त वर्ष 2023 की 2.55 लाख से 10 प्रतिशत अधिक हैं। इसकी तुलना में हुंडई ने वित्त वर्ष 2024 में 1.63 लाख कारों का निर्यात किया।
निर्यात में वृद्धि को लेकर मारुति ने यह कहा
मारुति सुजुकी के कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती ने कहा कि अधिक मॉडल जोड़ने, वैश्विक उत्पादन मानकों की अनुपालना और टोयोटा के साथ साझेदारी के कारण निर्यात बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि कंपनी वर्तमान में दुनियाभर के लगभग 100 देशों में अपनी गाड़ियों का निर्यात कर रही है, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, चिली और मैक्सिको अच्छी बिक्री वाले देश हैं। मारुति विदेशों में बलेनो, डिजायर, स्विफ्ट, S-प्रेसो, ग्रैंड विटारा, जिम्नी, सेलेरियो और अर्टिगा जैसे मॉडल्स भेजती है।