पुरानी कार लेने से पहले इन बातों का रखें खास ध्यान, परेशानी से बचेंगे
क्या है खबर?
भारत में नई कारों की बढ़ती कीमतों ने इस्तेमाल की गई (सेकंड हैंड) कारों को खरीदना एक उचित विकल्प बना दिया है।
नई कार की तुलना में अच्छी सेकेंड हैंड कार को कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। हालांकि, इस्तेमाल किये हुए अच्छे चार पहिया वाहन को ढूंढना कठिन है क्योंकि हमें पता ही नहीं होता कि इनमें क्या खराबी है।
आइये कार गाइड में जानते हैं सेकंड हैंड कार लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
बजट
सबसे पहले बजट निर्धारित करें 0
पुरानी कार खरीदने का निर्णय लेने से पहले हमेशा अपना एक बजट निर्धारित करें ताकि आगे आपको अधिक खर्च न करना पड़े।
पुरानी गाड़ियो को खरीदते वक्त कुछ बातों पर विचार करने की आवश्यकता है, जैसे कार का मालिक कौन और कब से है?
कार के रखरखाव और मरम्मत की लागत, बीमा और हर महीने कितने खर्च करने पड़ेंगे आदि। अपना बजट हमेशा थोड़ा ज्यादा ही रखें ताकि जरूरत पड़ने पर आप एक्सेसरीज पर अतिरिक्त खर्च कर सकें।
जानकारी
सही गाड़ी का चुनाव है जरूरी
हैचबैक कार, सेडान या SUV में से एक वाहन को चुनें जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो और आपके बजट में फिट बैठता हो। इंजन का प्रकार, माइलेज, केबिन स्पेस, साफ्टी फीचर्स और अधिकतम रजिस्ट्रेशन अवधि जैसे मानकों पर भी जरूर विचार करें।
कंडीशन
कार की कंडीशन की जांच करें
पुरानी कार खरीदने से पहले उसे पूरा चेक करना जरूरी है, ताकि उसकी कंडीशन का पता चल सके। कार का एक्सटीरियर, इंटीरियर, टायर, रंग अच्छे से देख लेना चाहिए।
अगर आप कार के तकनीकी पहलुओं के बारे में नहीं जानते हैं तो किसी अनुभवी मैकेनिक की मदद ले सकते हैं। वह आपको गाड़ी के इंजन और अन्य पार्ट्स स्थिति के बारे में बता सकता है।
इसके अलावा देख लें कि गाड़ी की बॉडी पर डेंट या डेमेज तो नहीं है।
टेस्ट ड्राइव
टेस्ट ड्राइव भी है जरूरी
अपनी पसंदीदा कार का चुनाव करने के बाद वाहन के वर्तमान मालिक के पास या डीलरशिप पर जाएं और अच्छी तरह से कार की जांच करें।
कार को नैचुरल लाइट में ले जाकर खरोंच, डेंट, पेंट फीका पड़ना, जंग लगना, बिजली की समस्या और टायरों की स्थिति को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
यह देखने के लिए कि क्या इंजन ठीक काम कर रहा है या नहीं, वाहन को टेस्ट ड्राइव पर जरूर ले जाएं।
पेपर
कार के पेपर्स की जांच करें
पुरानी कार लेने से पहले इस बात का ध्यान जरूर रखे कि कार अधिकतम चार या पांच साल से पुरानी न हो और अधिक से अधिक 40,000 किलोमीटर चली हो।
कार की डिलीवरी से पहले कार के पेपर्स की जांच सही तरीके से जरूर करें ताकि भविष्य में आपको किसी भी तरह के परेशानी का सामना न करना पड़े। पेपर आपको कार के बारे में सही जानकारी प्रदान करते हैं।
सलाह
जानकार की सलाह भी है जरूरी
यदि संभव हो तो अपनी पसंदीदा कार की जांच करने के लिए एक कुशल मैकेनिक को अपने साथ ले जाएं। आप वाहन को उस कंपनी के डीलरशिप पर भी ले जा सकते हैं।
ये कुशल मैकेनिक आसानी से छोटी-छोटी खामियों को ढूंढ सकते हैं और आपको मरम्मत की लागत की जानकारी भी दे सकते हैं।
एक्सपर्ट्स आपको यह भी बता सकते हैं कि रिकॉर्ड के माध्यम से ऑडोमीटर के साथ छेड़छाड़ की गई है या नहीं।